फोटो है हावड़ा. भगवत कृपा मनुष्य के जीवन की धारा को बदल देती है. उसकी सोच को बदल देती है. सकारात्मक सोचवाले माहौल में जिस तरह इंसान की सोच सकारात्मक होती चली जाती है. उसी प्रकार सत्संग में शामिल होने पर नकारत्मक सोच व्यक्ति से दूर होती चली जाती है. व्यक्ति अच्छे विचारों के साथ सकारात्मक बातें सोचने लगता है, जिसका परिणाम भी अच्छा आने लगता है. वह एक सुकून, एक शांति का अनुभव अपने जीवन में पाने लगता है और यह सब कुछ सिर्फ भगवत कृपा से ही संभव होता है. ईश्वर की कृपा होती है, तब मनुष्य के बुरे विचार, उसकी कलुषता और सारे पाप प्रभु कृपा के ताप से जलकर नष्ट हो जाते हैं. शनिवार को व्रिप फाउंडेशन जोन-7 चैप्टर दक्षिण हावड़ा के तत्वावधान में आयोजित श्रीमदभागवत कथा के तीसरे दिन श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए ये बातें कथावाचक विदुषी सुश्री पूजा जोशी ने कहीं. सुश्री पूजा जोशी ने कहा कि प्रभु ने हमें अनमोल मानव देह दी. यह हम पर है कि हम ईश्वर की इस कृपा का किस तरह से जीवन में लाभ प्राप्त करते हैं और अन्य लोगों को भी लाभ दे पाते हैं. अच्छे विचारों के साथ अच्छे कर्म ही मानव जीवन का सदुपयोग है. कथा आयोजन में मदनलाल जोशी, प्रदीप आसोपा, दिलीप सिखवाल, इंदु सिखवाल, महेंद्र आसोपा सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे.
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ईश्वर की कृ पा से नष्ट होते हैं पाप: पूजा जोशी
फोटो है हावड़ा. भगवत कृपा मनुष्य के जीवन की धारा को बदल देती है. उसकी सोच को बदल देती है. सकारात्मक सोचवाले माहौल में जिस तरह इंसान की सोच सकारात्मक होती चली जाती है. उसी प्रकार सत्संग में शामिल होने पर नकारत्मक सोच व्यक्ति से दूर होती चली जाती है. व्यक्ति अच्छे विचारों के साथ […]
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