कोलकाता: बैंक के रुपये से भरे ट्रंक को गायब कर रातों-रात लखपति बने 10 मोचियों को लेकर सोमवार को लालबाजार की खुफिया पुलिस जमुई से कोलकाता पहुंची. गिरफ्तार आरोपियों रोहित दास, राजगीर दास, द्वारिका दास, बंगाली दास, दिलीप दास, राजकुमार दास, यमुना दास, चुटर दास, घनश्याम दास और अजरुन दास को बैंकशाल कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 30 दिसंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया. इनके पास से एक करोड़ 99 लाख रुपये बरामद किये गये हैं. दो करोड़ से ज्यादा की रकम अभी बरामद की जानी है.
घटना से जुड़े छह मोची अब भी फरार हैं. पुलिस हैरान है कि भारी सुरक्षा वाले क्षेत्र से मोची रुपये से भरा 120 किलो वजन का ट्रंक कैसे उठा ले गये. हेयर स्ट्रीट थाने की पुलिस को इस मामले में अंदर के किसी कर्मचारी के जुड़े होने का शक है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.
क्या है मामला
संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) पल्लव कांति घोष ने बताया कि 20 सितंबर को डलहौसी इलाके की करेंसी बिल्डिंग (करेंसी चेस्ट) से सात ट्रंक रुपये स्टीफन हाउस स्थित एचडीएफसी बैंक ले जाये जा रहे थे. हरेक ट्रंक में चार करोड़ चार लाख रुपये थे. कैश वैन जब बैंक के पास आकर रुकी तो उसमें सात के बजाय छह ट्रंक ही थे. एक ट्रंक का सुराग नहीं मिल रहा था. यानी ट्रंक के साथ चार करोड़ चार लाख रुपये गायब थे. काफी खोजबीन के बाद भी जब ट्रंक नहीं मिला तो 22 सितंबर को हेयर स्ट्रीट थाने में शिकायत दर्ज करायी गयी. जांच में पुलिस को अपने मुखबिरों से ग्रेट ईस्टर्न होटल के पास बैठने वाले मोचियों के घटना में शामिल होने की जानकारी मिली. इसके बाद दस मोचियों को दबोच लिया गया. पुलिस सभी को लेकर बिहार के जमुई जिले में पहुंचीं. वहां मोचियों ने अपने घरों में जमीन खोद कर रुपये गाड़ कर रखे थे.
पुलिस के मुताबिक, गायब आधी रकम बरामद कर ली गयी है. शेष राशि बरामद करने की कोशिश की जा रही है. प्राथमिक पूछताछ में मोचियों ने बताया कि रुपये से भरा ट्रंक देखते ही सभी ने मिल कर उसे गायब किया और आपस में 25-25 लाख रुपये बांट लिये. इसमें आरोपी बंगाली दास ने अपने एक साथी के साथ ट्रंक को देखा था. इसके कारण दोनों को 50-50 लाख रुपये मिले थे. इतनी बड़ी घटना में मोचियों के शामिल होने की जानकारी के बाद से पुलिस अधिकारी भी हैरान हैं.