कोलकाता: सीबीआइ जांच की प्रक्रिया व उनके कार्यकलापों को लेकर अब राज्य के परिषदीय व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने आवाज उठायी है. शुक्रवार को पार्थ चटर्जी के नेतृत्व में पांच मंत्री राजभवन पहुंचे और उनके सीबीआइ के कार्यकलापों के खिलाफ शिकायत की. राज्यपाल से मिलने के बाद उन्होंने बताया कि सारधा मामले की सीबीआइ जांच से उनको कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन सीबीआइ अपनी क्षमता का दुरुपयोग कर रही है.
सीबीआइ ने एक कैबिनेट स्तर के मंत्री को गिरफ्तार किया, लेकिन गिरफ्तार करने से पहले सीबीआइ ने इसकी जानकारी न ही राज्य सरकार को दी, न विधानसभा अध्यक्ष को और ना ही राज्यपाल को. इसके साथ ही इस मामले में राज्य सरकार अगर सीबीआइ से कोई दस्तावेज मांग रही है तो वह भी नहीं दे रही है. उन्होंने सीबीआइ के कार्यकलाप पर सवालिया निशान लगाते हुए राज्यपाल से इसमें पहल करने की मांग की.
इसके अलावा उन्होंने माकपा के समय में यहां चल रहे चिटफंड कंपनियों की भी जांच करने की मांग की. परिषदीय मंत्री पार्थ चटर्जी के साथ राज्य के पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी, बिजली मंत्री मनीष गुप्ता, कानून राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य और महिला व समाज कल्याण मंत्री डॉ शशि पांजा भी मौजूद रहीं. हालांकि राज्यपाल के साथ हुई इस बैठक में सीबीआइ के खिलाफ शिकायत करने के साथ ही उन्होंने राज्य सरकार द्वारा पेश किये गये कुछ विधेयकों के बारे में भी चर्चा की.