-रिसड़ा के चेयरमैन ने लड़ा श्रमिकों के लिए केसकोलकाता. हुगली जिले के रिसड़ा में स्थित हेस्टिंग्स जूट मिल के श्रमिकों को कलकत्ता हाइकोर्ट ने जमानत याचिका मंजूर करते हुए उनको रिहा कर दिया. श्रमिकों को जेल से रिहा कराने के लिए रिसड़ा नगरपालिका के चेयरमैन व पेशे से वकील शंकर प्रसाद साव ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी. कलकत्ता हाइकोर्ट में वह स्वयं श्रमिक पक्ष के वकील थे और उन्होंने मामले की पैरवी की. यहां तक कि श्रमिकों को रिहा कराने के लिए कानूनी खर्च का वहन भी उन्होंने स्वयं किया. गौरतलब है कि पांच नवंबर को हेस्टिंग्स जूट मिल में प्रबंधन व श्रमिकों के बीच विवाद हो गया था और श्रमिकों ने मिल के सीइओ पर लोहे की छड़ व पत्थर से जानलेवा हमला किया था. हालांकि इस घटना में सीइओ शंभुनाथ पाल बाल-बाल बच गये थे, लेकिन उनको बचाने में रिसड़ा थाना के तीन पुलिसकर्मी विपिन पाल, गोरा चांद दलुई व धनंजय घोष घायल हो गये थे. इस मामले में पुलिस ने 14 श्रमिकों को गिरफ्तार किया था और तब से वह जेल में बंद थे. हालांकि हाइकोर्ट से जमानत मिलने के बाद भी वह जेल से नहीं छूट पाये, क्योंकि हाइकोर्ट के फैसले की कॉपी शाम तक जेल में नहीं पहुंच पायी थी. गुरुवार की सुबह उनको जेल से रिहा किया जायेगा. श्रमिकों को जमानत मिलने की खबर से इलाके में खुशी की लहर है.
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हेस्टिंग्स जूट मिल के श्रमिकों को हाइकोर्ट ने दी जमानत
-रिसड़ा के चेयरमैन ने लड़ा श्रमिकों के लिए केसकोलकाता. हुगली जिले के रिसड़ा में स्थित हेस्टिंग्स जूट मिल के श्रमिकों को कलकत्ता हाइकोर्ट ने जमानत याचिका मंजूर करते हुए उनको रिहा कर दिया. श्रमिकों को जेल से रिहा कराने के लिए रिसड़ा नगरपालिका के चेयरमैन व पेशे से वकील शंकर प्रसाद साव ने महत्वपूर्ण भूमिका […]
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