कोलकाता: आदित्य बिरला ग्रुप के चेयरमैन कुमार मंगलम बिरला ने माना कि केंद्र की औद्योगिक नीतियों की जो आलोचना की जा रही है वह गलत नहीं है. कलकत्ता चेंबर ऑफ कॉमर्स की ओर से आयोजित एक परिचर्चा में श्री बिरला ने कहा कि केंद्र की नीतियां अनिश्चित हैं. भारतीय उद्योगपतियों को यह अधिकार है कि वह उनकी आलोचना कर सके. हालांकि वह उम्मीद रखते हैं कि स्थिति में बदलाव होगा. एक प्रश्न के उत्तर में उनका कहना था कि वह राजनीतिक दलों को चेक से अनुदान देते हैं. इससे पारदर्शिता बनी रहती है.
माओवादी हिंसा बेहद गंभीर
माओवादी हिंसा बेहद गंभीर समस्या है. उनकी भी कई परियोजना माओवादियों के कारण बाधित हुई हैं. ओड़िसा में कई बार नक्सलियों का सामना करना पड़ा. कई बार वह प्रबंधक व श्रमिकों का अपहरण कर लेते हैं. इस समस्या का हल रोजगार का सृजन है. देश को उत्पादन हब के तौर पर विकसित करना होगा. दक्षता विकास कर युवाओं को रोजगार के लायक बनाया जा सकता है.
चीन से भारत की तुलना सही नहीं
रुपये की गिरती कीमत के संबंध में उनका कहना था कि इसमें ओवर करेक्शन हुआ है. यह थमेगा और कीमत प्रति डॉलर 55-56 रुपये तक जायेगी. श्री बिरला चीन के साथ भारत की तुलना में जाना नहीं चाहते. वह कहते हैं कि चीन पर उन्हें विश्वास नहीं. अपने नियमों को तोड़-मरोड़ कर उसने उद्योग जगत में तरक्की हासिल की है. वह डब्ल्यूटीओ के नियमों का पालन नहीं करता. उसे ग्लोबल प्लेयर कहना गलत होगा.
सपना देखें और उसे पूरा करें
युवाओं को अपने संदेश में श्री बिरला ने कहा कि सपना देखना काफी जरूरी है. उस सपने को पूरा करने के लिए जोश भी रहना चाहिए.
आनंदलोक के कार्यो को सराहा
आनंदलोक के कर्णधार डीके सराफ ने श्री बिरला से कहा कि उनके ही दादा-दादी के आशीर्वाद से आनंदलोक अस्पताल में बेहद सस्ते में बाइपास सजर्री संभव हो पा रही है. जल्द ही रानीगंज में भी वह एक अस्पताल खोलने वाले हैं. उसका उदघाटन कुमार मंगलम बिरला की माता करेंगी. श्री बिरला ने श्री सराफ के कार्यो को सराहा.
बैंकिंग लाइसेंस मिलने की उम्मीद
कुमार मंगलम ने कहा : नये बैंकिंग लाइसेंस के मिलने के प्रति वह आशान्वित हैं कि उन्हें मिल जायेगा. नहीं मिलने का कोई कारण नहीं दिखता. आरबीआइ के दिशा निर्देशों का पालन कर प्रमोटरों की हिस्सेदारी को कम किया जायेगा. देश में और बैंको की स्थापना करने की जरूरत है, क्योंकि देश में वित्तीय सेवाओं की पहुंच कम है.