कोलकाता: कलकत्ता हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अरुण मिश्र व न्यायाधीश जयमाल्य बागची की अदालत में मंगलवार को पंचायत चुनाव मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से यह स्पष्ट कर दिया गया कि चुनाव के लिए वह केंद्रीय बल नहीं देगी. पंचायत चुनाव के लिए केंद्रीय बल पूर्व में भी नहीं दिये गये थे. साथ ही देश में प्राकृतिक आपदा व अन्य कारणों की वजह से केंद्रीय बल मुहैया कराना संभव नहीं है. इस पर राज्य सरकार की ओर से बताया गया था कि उसके पास 67 हजार पुलिसकर्मी हैं.
कम हैं पुलिसकर्मी : कोर्ट
इस पर अदालत का कहना था कि यह बेहद कम है. लिहाजा यदि पांच चरणों में चुनाव कराये जाते हैं, तो चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से हो सकता है. इसके तहत दो, चार, छह, आठ व नौ जुलाई को पांच चरणों में चुनाव कराये जा सकते हैं.
सरकार अपने रुख पर अड़ी
इस संबंध में राज्य सरकार से उसका रुख पूछा गया. सरकार ने सुझाव को दरकिनार करते हुए कहा कि चुनाव चार चरणों में कराये जा सकते हैं. सरकार का कहना है कि चुनाव दो, चार, छह व नौ जुलाई को हो सकते हैं. पहले चरण में वोट जंगल महल के चार जिलों, बांकुड़ा, पुरुलिया व पूर्व तथा पश्चिम मेदिनीपुर में हो, चार जुलाई को दूसरे चरण में पांच जिलों (उत्तर व दक्षिण 24 परगना, हावड़ा, हुगली व बर्दवान में) में मतदान कराये जा सकते हैं. तीसरे चरण में छह जुलाई को चार जिलों, नदिया, मुर्शिदाबाद, मालद व वीरभूम और चौथे व अंतिम चरण में नौ जुलाई को चार जिलों कूचबिहार, जलपाइगुड़ी, उत्तर व दक्षिण दिनाजपुर में मतदान कराने का प्रस्ताव राज्य सरकार ने दिया है. हालांकि सुरक्षा बल के संबंध में राज्य सरकार ने कुछ नहीं कहा है.