कोलकाता: कलकत्ता हाइकोर्ट में सारधा ग्रुप की ओर से आवेदन किया गया है कि उनकी सभी संपत्तियों की सूची बनाकर उसे सुरक्षित रखने की व्यवस्था की जाये और इसके बाद उन्हें बेचकर निवेशकों के पैसे लौटाये जायें.
हाइकोर्ट में जज असीम बनर्जी और जज मृणाल कांति चौधरी की खंडपीठ के सामने सारधा ग्रुप के वकीलों, नरेश बालोटिया व देवकांत शर्मा ने पक्ष रखते हुए कहा कि सारधा की जितनी भी चल-अचल संपत्ति है, हाइकोर्ट यह सुनिश्चित करे कि उनकी सूची बनायी जाये और उन्हें सुरक्षित रखा जाये. इन संपत्तियों को बेचकर निवेशकों को पैसा लौटाया जाये.
लेकिन असली निवेशकों की पहचान होनी भी जरूरी है. कई ऐसे लोग हैं जिन्होंने नकली दस्तावेज हासिल करके निवेशक होने का दावा किया है. इस संबंध में विस्तृत जांच की जानी चाहिए. सारधा समूह की ओर से यह भी कहा गया है कि उनके खिलाफ कई अदालतों में मामले दायर किये गये हैं.
इन सभी मामलों को एक साथ जोड़कर एक ही अदालत में चलाया जाना चाहिए. सेबी की ओर से अदालत में कहा गया है कि कंपनी को बंद करने के लिए गत 23 अप्रैल को ही उसे चिट्ठी दी गयी थी. इसके लिए तीन महीने का वक्त उन्हें दिया गया है. भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से कहा गया है कि कंपनी का कामकाज उनके दायरे में नहीं आता. मामले की अगली सुनवाई सोमवार को होगी.