ममता बनर्जी की सफाई : डॉक्टरों की हड़ताल के पांच दिन बाद भी नहीं लगाया एस्मा

कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार ने जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के पांच दिन बाद भी आवश्यक सेवा संरक्षण कानून (एस्मा) लागू नहीं किया और उन्होंने डॉक्टरों से फौरन ड्यूटी पर लौटने की अपील की. उन्होंने शाम पांच बजे एक बैठक में प्रदर्शनरत डॉक्टरों के ना आने के […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 15, 2019 10:36 PM

कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार ने जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के पांच दिन बाद भी आवश्यक सेवा संरक्षण कानून (एस्मा) लागू नहीं किया और उन्होंने डॉक्टरों से फौरन ड्यूटी पर लौटने की अपील की. उन्होंने शाम पांच बजे एक बैठक में प्रदर्शनरत डॉक्टरों के ना आने के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘हमारे पास कानून है लेकिन हम उनका इस्तेमाल नहीं करना चाहते. हम किसी भी प्रदर्शनरत जूनियर डॉक्टर के खिलाफ और उनका करियर बाधित करने के लिए कोई सख्त कार्रवाई नहीं कर रहे हैं.’

एस्मा के तहत रेलवे, हवाईअड्डा और बंदरगाह ऑपरेशन जैसी ‘आवश्यक सेवाओं’ की लंबी सूची में शामिल कर्मचारियों का हड़ताल पर जाना निषेध है. बनर्जी ने अन्य राज्यों में ऐसी स्थिति में डॉक्टरों के खिलाफ उठाये गये कदमों का हवाला दिया. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार ने उनके खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं की क्योंकि वह उनका करियर बाधित करना नहीं चाहती.

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने डॉक्टरों की सभी मांगे मान ली तथा और मांगे मानने के लिए तैयार है लेकिन उन्हें काम पर लौटना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘शुक्रवार को मैंने पांच घंटे तक जूनियर डॉक्टरों के लिए इंतजार किया और आज मैंने उनके लिए अपने कार्यक्रम रद्द किये. आपको एक संवैधानिक संस्था का सम्मान करना चाहिए.’ राज्य भर में बड़े पैमाने पर डॉक्टरों के इस्तीफे पर बनर्जी ने कहा कि यह कानूनी रूप से मान्य नहीं है.

उन्होंने कहा, ‘अगर जूनियर डॉक्टर सोचते हैं कि मैं अक्षम हूं तो वे हमेशा राज्यपाल या मुख्य सचिव या पुलिस आयुक्त से बात कर सकते हैं.’ हड़ताल कर रहे जूनियर डॉक्टरों ने अपनी सुरक्षा को लेकर आशंका जताते हुए राज्य सचिवालय में ममता बनर्जी के साथ शनिवार को बंद कमरे में बैठक का आमंत्रण ठुकरा दिया और कहा कि मुख्यमंत्री को गतिरोध दूर करने के उद्देश्य से खुले में चर्चा के लिए एनआरएस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल आना चाहिए.

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