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कोलकाता : तय सीटों से अधिक पर कॉलेज दाखिला नहीं दे सकते
दाखिला संबंधी पूरा विवरण कॉलेजों को प्रतिदिन विश्वविद्यालय को भेजना होगा कोलकाता : सीबीएसइ, आइएससी व उच्च माध्यमिक के परीक्षा नतीजों की घोषणा के साथ ही सभी कॉलेजों में दाखिले की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. राज्य के सभी कॉलेजों को अपने दाखिला संबंधी विवरण प्रतिदिन एफिलियेटेड विश्वविद्यालयों को भेजने होंगे. एडमिशन में पारदर्शिता बरतने […]
दाखिला संबंधी पूरा विवरण कॉलेजों को प्रतिदिन विश्वविद्यालय को भेजना होगा
कोलकाता : सीबीएसइ, आइएससी व उच्च माध्यमिक के परीक्षा नतीजों की घोषणा के साथ ही सभी कॉलेजों में दाखिले की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.
राज्य के सभी कॉलेजों को अपने दाखिला संबंधी विवरण प्रतिदिन एफिलियेटेड विश्वविद्यालयों को भेजने होंगे. एडमिशन में पारदर्शिता बरतने के लिए विशेष हिदायत कॉलेजों को दी गयी है.
कॉलेजों के विवरण भेजने के बाद पूरी जानकारी विश्वविद्यालयों को ऑनलाइन पद्धति से उच्च शिक्षा विभाग को भेजना होगा. सरकार ने यह फैसला किया है कि दाखिला प्रक्रिया में पूरी तरह पारदर्शिता बरतने के लिए हर स्तर पर गंभीरता से काम किया जाये. इसके लिए मेरिट के आधार पर ही दाखिला करने का सुझाव दिया गया है. कोई भी कॉलेज अपनी क्षमता से अधिक किसी छात्र का दाखिला नहीं ले सकता है. जो सीटें निर्धारित की गयी हैं, उससे अधिक पर दाखिला देने से कॉलेज के खिलाफ कारर्वाई की जायेगी.
सरकार की ओर से जारी आदेश का अनुसरण करते हुए कलकत्ता यूनिवर्सिटी ने अपनी वेबसाइट www.caluniv.ac.in पर एक सूचना जारी की है. इसमें एक सूची जारी कर यह बताया गया है कि सत्र 2018-19 से प्रत्येक कॉलेज के प्रत्येक विभाग में कितने छात्रों को दाखिला दिया जायेगा. इसी का अनुसरण करने के लिए कहा गया है.
कलकत्ता यूनिवर्सिटी से जुड़े कॉलेज छात्रों का दाखिला 22 जून से शुरु करेंगे. सरकार के निर्देश के अनुसार कलकत्ता यूनिवर्सिटी को दाखिला संबंधी पूरा विवरण उच्च शिक्षा विभाग को 22 जून से ही भेजना होगा. जब तक कॉलेजों में पूरी तरह सीटें भर नहीं जाती हैं, तब तक पूरा विवरण कॉलेजों को विभाग के पास भेजना ही होगा. एक अधिकारी ने बताया कि प्रत्येक दिन दाखिले संबंधी विवरण विभागों को अनिवार्य रूप से भेज कर सूचित करना होगा. जब तक दाखिला बंद नहीं होता, तब तक हर सूचना से अपडेट रखना होगा. विश्वविद्यालयों को यह पूरी जानकारी सरकार को आगे भेजनी होगी, ताकि इस बात पर नजर रखी जा सके कि दाखिला मेरिट के आधार पर हुआ है कि नहीं. ऐसे किसी भी छात्र को कॉलेज में दाखिला नहीं दिया जायेगा, जो एडमिशन क्राइटेरिया पर खरा नहीं उतरेगा.
कलकत्ता यूनिवर्सिटी के प्रो वाइस-चांसलर (एकेडमिक) दीपक कर का कहना है कि यूनिवर्सिटी सरकार द्वारा जारी फैसले से पूरी तरह सचेत है. सभी कॉलेज इसी गाइड लाइन के आधार पर काम करेंगे. स्नातक स्तर पर दाखिले संबंधी सभी जानकारी सरकार के पास भेजने में उनको कोई दिक्कत नहीं है. वैसे भी दाखिला पूरी तरह ऑनलाइन है. स्नातक स्तर पर दाखिले की अपडेट स्थिति सभी कॉलेज समय पर भेज रहे हैं.
नये छात्रों को यूनियन प्रतिनिधियों के दबाव से बचाने व सही छात्र को सही सीट दिलाने के लिए दाखिले की प्रक्रिया को ज्यादा पारदर्शी बनाया गया है. अभी बंगाल में टीएमसी छात्र परिषद राज्य में 95 प्रतिशत अपना कब्जा बनाये हुए है. यूनियन प्रतिनिधि कॉलेजों में कोई विवाद न खड़ा करे या दाखिले में कोई गड़बड़ी न हो, इसके लिए बहुत पहले ही गाइडलाइन जारी की गयी थी.
क्या कहना है शिक्षा विभाग का
इस मामले में शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि पिछले कई सालों से कार्यालय में कई तरह की शिकायतें की गयी हैं कि जो छात्र मेरिट सूची में नहीं हैं या दाखिले के योग्य नहीं हैं, उन्हें भी दाखिला दिया जा रहा है. कुछ कॉलेज छात्र यूनियन के दबाव में आकर अपनी निर्धारित सीटों से अधिक क्षमता पर भी दाखिला ले रहे हैं.
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