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आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुआ कोकलियर इंप्लांट
अब तक 27 बच्चों का हो चुका है इंप्लांट कोलकाता. आरजी कर मेडिकल कॉलेज में गुरुवार को 3 वर्षीय शिशु का कोकलियर इंप्लांट किया गया है. वह शिशु का नाम सूरज भुईंया है. सूरज के पिता का नाम दिब्येंदु भुईंया है. सूरज दक्षिण 24 परगना जिले के दक्षिण गोपालपुर का रहने वाला है. सूरज जन्म […]
अब तक 27 बच्चों का हो चुका है इंप्लांट
कोलकाता. आरजी कर मेडिकल कॉलेज में गुरुवार को 3 वर्षीय शिशु का कोकलियर इंप्लांट किया गया है. वह शिशु का नाम सूरज भुईंया है.
सूरज के पिता का नाम दिब्येंदु भुईंया है. सूरज दक्षिण 24 परगना जिले के दक्षिण गोपालपुर का रहने वाला है. सूरज जन्म से ही बोल सुन नहीं पाता है, जिसका आरजी कर में आज सफल कोकलियर इंप्लांट किया गया है. सर्जरी करने वाले चिकित्सकों के अनुसार तीन सप्ताह बाद बच्चा बोलने व सुनने भी लगेगा.
वहीं बोलने के लिए उसे ट्रेनिंग दी जायेगी. इस सर्जरी को अस्पताल के इएनटी विभाग के चार डॉक्टरों की टीम ने किया है, जिसमें डॉ आई एन कुंडु, डॉ एस घोष, डॉ कुंतल माइती व डॉ एम के सिंह प्रमुख थे. अस्पताल के विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ एस के बासु ने बताया केंद्र व राज्य सरकार की योजना के तहत शिशु की नि:शुल्क सर्जरी की गयी है. इस योजना के मद्देनजर चिकित्सकीय उपकरण यानी कोकलियर मशीन केंद्र सरकार मुहैया कराती है, जबकि राज्य के सरकारी अस्पताल में सर्जरी की जाती है. सर्जरी के बाद बच्चे के इलाज में आने वाले खर्च को राज्य सरकार को वहन करना पड़ता है. उक्त योजना के तहत आम तौर पर 6 साल तक के बच्चों का ही कोकलियर इंप्लांट किया जाता है.
डॉ एस घोष ने बताया कि आरजी कर में अब तक 27 शिशुओं का यह इंप्लांट किया जा चुका है. कोकालियर इंप्लांट के मामले में हम एसएसकेएम (पीजी) से भी आगे हैं. डॉ ने कहा कि इस इस इंप्लांट से पहले शिशु की टेस्ट की जाती है. इस दौरान मेंटल जांच भी की जाती है. सभी जांच के बाद ही कोकलियर को इंप्लांट किया जाता है. निजी अस्पताल में इस सर्जरी पर 7-12 लाख रुपये का खर्च आ सकता है.
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