कोलकाता: सारधा कांड मामले की सुनवाई के लिए मंगलवार को पुलिस पर विधाननगर कोर्ट में कुणाल घोष से ज्यादती करने के आरोप लगे. पुलिस ने कोर्ट से निकलते वक्त कुणाल घोष को बोलने का मौका भी नहीं दिया. पुलिस जबरन धक्का-मुक्की कर उन्हें गाड़ी में चढ़ा दिया, हालांकि पुलिस के इस रवैये पर कुणाल घोष ने कड़ी आपत्ति जतायी.
बताया जाता है कि मामले की सुनवाई के लिए मंगलवार को सुबह 11.15 बजे कुणाल घोष, सुदीप्त सेन, देवयानी मुखोपाध्याय और सोमनाथ को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच कोर्ट में पेश किया गया, लेकिन कोर्ट में हड़ताल होने की वजह से मामले की मंगलवार को सुनवाई नहीं हो पायी. इसके बाद पुलिस ने पत्रकारों से बचा कर कुणाल घोष व अन्य को कोर्ट के पिछले दरवाजे से 12.45 बजे बाहर निकालने का प्रयास किया.
इस पर वहां मौजूद पत्रकारों ने उन्हें घेर लिया. पहले से इंतजार कर रहे पत्रकारों ने कुणाल घोष से सवाल किया. कुणाल घोष पत्रकारों के प्रश्न का जवाब देने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें पत्रकारों से बात नहीं करने दिया. विधानगर पुलिस कमिश्नरेट के एसीपी दो अभिषेक मोदी के नेतृत्व में पुलिस ने धक्का-मुक्की कर उन्हें जबरन गाड़ी में चढ़ा दिया. श्री घोष ने पुलिस के इस व्यवहार पर क्षोभ जताया.