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कोलकाता : मैराथन बैठक पर पंचायत चुनाव की तारीख तय नहीं हो सकी

कोलकाता : पंचायत चुनाव के लिए मतदान कब होगा, इसे लेकर अब भी संशय बना हुआ है. मंगलवार को पंचायत चुनाव की तारीख तय करने को लेकर विभागीय सचिव सौरभ दास ने सबसे पहले राज्य चुनाव आयोग के आयुक्त एके सिंह के साथ बैठक की. लगभग 40 मिनट तक चली बैठक के दौरान आयोग ने […]

कोलकाता : पंचायत चुनाव के लिए मतदान कब होगा, इसे लेकर अब भी संशय बना हुआ है. मंगलवार को पंचायत चुनाव की तारीख तय करने को लेकर विभागीय सचिव सौरभ दास ने सबसे पहले राज्य चुनाव आयोग के आयुक्त एके सिंह के साथ बैठक की.
लगभग 40 मिनट तक चली बैठक के दौरान आयोग ने उन्हें पंचायत चुनाव की तारीखों को लेकर प्रस्ताव दिया. उसके बाद आयोग द्वारा दिये गये प्रस्ताव को लेकर वह राज्य सचिवालय नवान्न पहुंचे. सबसे पहले उन्होंने मुख्य सचिव मलय कुमार दे के साथ बैठक की और उसके बाद वह मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे. मुख्यमंत्री के साथ बैठक करने के बाद वह फिर मुख्य सचिव के पास पहुंचे और उनसे चर्चा की. पंचायत सचिव ने लगभग दो घंटे तक मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव के साथ चर्चा की. इसके बावजूद कोई निर्णय नहीं लिया गया. राज्य सचिवालय के सूत्रों के अनुसार, राज्य सरकार अब हाइकोर्ट के फैसले की प्रति देख कर पंचायत चुनाव की तारीख तय करना चाहती है.
जानकारी के अनुसार, पंचायत सचिव बुधवार सुबह राज्य चुनाव आयोग कार्यालय जायेंगे. बुधवार को चुनाव की तारीख घोषित की जा सकती है. गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल सरकार रमजान के महीने में चुनाव नहीं कराना चाहती. सरकार एक चरण में ही पंचायत चुनाव कराना चाहती है, जबकि राज्य चुनाव आयोग एक चरण में चुनाव कराने के पक्ष में नहीं है. इसलिए पंचायत चुनाव की तारीख को लेकर अभी तक फैसला नहीं हो पाया है. उम्मीद है कि बुधवार को पंचायत चुनाव की तारीख को लेकर फैसला हो सकता है.
हाइकोर्ट का सुरक्षा व्यवस्था पर सभी पक्षों से सार्थक बातचीत का निर्देश
कोलकाता. कलकत्ता हाइकोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग को निर्देश दिया कि वह पंचायत चुनावों में सुरक्षा व्यवस्था के लिए राज्य के सभी पक्षों से सार्थक बातचीत करे. न्यायमूर्ति सुब्रत तालुकदार ने कहा कि शिकायतों के निराकरण के लिए आयोग को उच्चतम न्यायालय के दिशानिर्देशों पर गौर करना चाहिए. अदालत ने हालांकि स्पष्ट किया कि सुरक्षा व्यवस्था के बारे में अंतिम फैसला राज्य निर्वाचन आयोग को ही करना है.
चुनावी प्रक्रिया में अदालत हस्तक्षेप नहीं करेगी. अदालत ने आयोग को निर्देश दिया कि वह कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश ज्योतिर्मय भट्टाचार्य की अध्यक्षता वाली पीठ को चुनाव के लिए की गयी सुरक्षा तैयारियों से अवगत कराये. अदालत ने सुरक्षा के संबंध में विपक्षी दलों की चिंताओं पर गौर करते हुए यह निर्देश दिया. उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल में चुनाव पूर्व हिंसा की विभिन्न घटनाओं में कम से कम चार लोगों की मौत हो गयी है और कई अन्य घायल हो गये हैं.
भाजपा, कांग्रेस और वाम दलों ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर नामांकन प्रकिया के दौरान भारी हिंसा करने का आरोप लगाया है. दूसरी ओर तृणमूल ने विपक्षी दलों पर राज्य के कुछ हिस्सों में माहौल खराब करने का आरोप लगाया. मंगलवार को अदालत में माकपा की ओर से विकास रंजन भट्टाचार्य ने कहा कि कोर्ट के निर्देश के बावजूद सोमवार को नामांकन पत्र जमा देने को लेकर राज्य भर में हंगामा हुआ. राज्य निर्वाचन आयोग इसे रोकने में नाकाम रहा. पीडीएस की ओर से समीर पुततुंडू ने कहा कि राज्य में लोकतंत्र खतरे में है.

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