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कोलकाता :पाठ्यक्रम से बाहर के प्रश्न के लिए अंक मिलने पर परीक्षार्थी खुश
माध्यमिक बोर्ड ने एक्जामिनरों को सावधानी से उत्तर-पुस्तिका जांचने के दिये आदेश कोलकाता : माध्यमिक परीक्षा में अंकों को लेकर किसी भी छात्र से भेदभाव नहीं होना चाहिए, इसके लिए माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा एक्जामिनरों को नये निर्देश दिये गये हैं. जिन छात्रों ने हिंदी पेपर (फर्स्ट लैंग्वेज) दिया है, उन्हें प्रश्नों के आधार पर […]
माध्यमिक बोर्ड ने एक्जामिनरों को सावधानी से उत्तर-पुस्तिका जांचने के दिये आदेश
कोलकाता : माध्यमिक परीक्षा में अंकों को लेकर किसी भी छात्र से भेदभाव नहीं होना चाहिए, इसके लिए माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा एक्जामिनरों को नये निर्देश दिये गये हैं.
जिन छात्रों ने हिंदी पेपर (फर्स्ट लैंग्वेज) दिया है, उन्हें प्रश्नों के आधार पर पूरे अंक दिये जायेंगे. प्रश्न नम्बर एक में 17 लघु प्रश्नों के जवाब छात्रों को देने थे. इसमें तीन प्रश्न पाठ्यक्रम से बाहर के थे. इसका उत्तर चाहे सही हो या गलत, छात्र ने लिखा हो या नहीं लिखा हो, उसके अंक दिये जायेंगे.
इसके अलावा इस पेपर में प्रश्न नंबर 2 में 23 लघु प्रश्न दिये गये, जिसमें से तीन बाहर के थे. छात्रों को 19 का जवाब देना था. इसमें भी छात्रों को ग्रेस माक्स देने के लिए कहा गया है. माध्यमिक बोर्ड के एक एक्जामिनर ने बताया कि एक प्रश्न में छात्रों को 2 कहानी लिखने के लिए कहा गया.
विकल्प में 4 टॉपिक दिये गये, जिसमें से 2 कहानी आउट ऑफ सिलेबस थीं. इसमें भी छात्रों को प्रत्येक कहानी के लिए 5-5 अंक यानि कि प्रश्न नम्बर 5 के लिए बोर्ड के एडमिनिस्ट्रेटर कल्याणमय गांगुली ने सभी एक्जामिनरों व परीक्षार्थियों को पूरे 10 अंक देने का निर्देश दिया है. भले ही उसका उत्तर उन्होंने लिखा हो या नहीं. दोनों टॉपिक पाठ्यक्रम से जुड़े नहीं थे.
पाठ्यक्रम से बाहर की कहानी लिखने की अगर छात्र ने कोशिश भी की है तो उसे ग्रेस अंक उसी हिसाब से दिये जायेंगे. सही प्रश्नों के साथ त्रुटि वाले प्रश्नों के अंक मिलाकर ही अंक दिये जाने के लिए कहा है. पाठ्यक्रम से बाहर के प्रश्नों के लिए छात्रों के अंक नहीं काटे जायेंगे. उल्लेखनीय है कि छात्रों व शिक्षकों ने शिकायत की थी कि परीक्षा में आये कुछ प्रश्न सिलेबस के नहीं हैं.
कुछ मल्टीपल-च्वाइस प्रश्न, जिसमें विकल्प दिये गये थे, वे सभी गलत थे. इसी आधार पर बोर्ड ने यह नयी घोषणा की है. इसमें उत्तर-पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए परीक्षकों को नये निर्देश दिये गये हैं. इस बार लगभग 60,000 से अधिकछात्रों ने माध्यमिक में फर्स्ट लैंग्वेज का पेपर हिंदी में दिये. परीक्षा के बाद बोर्ड की इस घोषणा से छात्र व शिक्षक काफी संतुष्ट हैं.
महानगर के कई नामी स्कूलों में हिंदी प्रथम भाषा के रूप में पढ़ायी जाती है. इसमें कारमेल हाइस्कूल, सेंट लोरेंस हाइस्कूल, सेंट जोंस डिकोसन गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल, रामकृष्ण मिशन विद्यालय नरेंद्रपुर, बीएसएस स्कूल, नवनालंदा हाइस्कूल, पाठ्य भवन व नेशनल हाइस्कूल जैसे स्कूल शामिल हैं. अब छात्रों को खुशी है कि उनके अंक नहीं काटे जायेंगे, इससे उनके परीक्षाफल पर अच्छा असर पड़ने की संभावना है.
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