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पंचायत चुनाव के पहले राजनीतिक हिंसा : राज्यपाल की निष्पक्षता पर पार्थ ने उठाये सवाल

कोलकाता : प्रदेश में अपनी सांगठनिक दुर्बलता को रोकने के लिए पंचायत चुनाव के पहले राजनीतिक हिंसा का मुद्दा सामने लाकर भाजपा के प्रदेश नेता अपनी छवि बचाना चाहते हैं. इसमें राज्यपाल के नाम का जिस तरह से इस्तेमाल किया जा रहा है, उसे देखते हुए उनकी निष्पक्षता पर सवाल उठना स्वाभाविक है. ये बातें […]

कोलकाता : प्रदेश में अपनी सांगठनिक दुर्बलता को रोकने के लिए पंचायत चुनाव के पहले राजनीतिक हिंसा का मुद्दा सामने लाकर भाजपा के प्रदेश नेता अपनी छवि बचाना चाहते हैं. इसमें राज्यपाल के नाम का जिस तरह से इस्तेमाल किया जा रहा है, उसे देखते हुए उनकी निष्पक्षता पर सवाल उठना स्वाभाविक है. ये बातें तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहीं. उन्होंने कहा कि मंगलवार को राज्यपाल के साथ मुलाकात करने के बाद दिलीप घोष ने केंद्रीय बल की मौजूदगी में पंचायत चुनाव कराना चाहते हैं. दिलीप घोष का दावा है कि राज्यपाल खुद केंद्रीय बल के द्वारा चुनाव कराने के पक्ष में हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि राज्यपाल के विचार वक्तव्य दिलीप घोष कैसे जानें. इससे राज्यपाल की निष्पक्षता पर सवाल उठना स्वाभाविक है.

उन्होंने कहा कि राज्य में ममता बनर्जी के नेतृत्व में चल रहे विकास कार्यों को झुठलाने के लिए भाजपा तरह-तरह का आरोप लगा रही है. लेकिन भाजपा के नेतृत्व को बंगाल के लोग खारिज कर चुक हैं. सोमवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन राज्यपाल से मिलने गये थे. मंगलवार को दिलीप घोष अपने नेताओं के साथ गये. राज्यपाल क्या चाहते हैं, यह संवैधानिक मामला है. यह पूरी तरह से गोपनीय रहता है. ऐसे में जिस पार्टी ने उनकी नियुक्ति की है, उसी के नेता राजभवन के सामने इस तरह का बयान देते हैं, तो समझा जा सकता है कि वह लोग कितने लोकतांत्रिक हैं.
राज्यपाल किसी भी प्रशासनिक अधिकारी को बुला सकते हैं, लेकिन एक राजनीतिक दल के इशारे पर किसी अधिकारी को बुलाना उनकी निष्पक्षता पर सवाल उठाता है.
प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री दें इस्तीफा : अधीर चौधरी
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ-साथ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भी इस्तीफे की मांग की है. श्री चौधरी ने कहा कि जिस तरह प्रधानमंत्री असफल रहे हैं, उसी तरह मुख्यमंत्री भी राज्य में सांप्रदायिक हिंसा को रोकने में असफल रही हैं. वह प्रधानमंत्री के साथ-साथ उनके भी इस्तीफे की मांग करते हैं. प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री में काफी कुछ समानता है. दोनों ही तानाशाह हैं और एक्सक्लूसिव अधिकार में विश्वास करते हैं. श्री चौधरी ने कहा कि राज्य में हालात काबू से बाहर हैं. श्री चौधरी ने यह भी कहा है कि उन्हें उस बंगाल पर गर्व है, जहां 24 फीसदी अनुसूचित जाति के लोग हैं. जहां कभी भी जाति के कारण लड़ाई नहीं हुई. उन्होंने कहा : हम कभी भी नहीं पूछते कि सामनेवाला किस जाति का है. जातिगत हिंसा बंगाल के लिए अजनबी है. बंगाल की संस्कृति को दूसरी जगहों पर भी अपनाया सकता है.

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