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एमपी पुलिस आ रही कोलकाता, बांग्लादेशियों के आधार कार्ड बनाने की होगी जांच

जबलपुर/कोलकाता : सेना के लिए गोला-बारूद तैयार करने वाली देश की सबसे बड़ी ऑर्डिनेंस फैक्टरी में पकड़े गये कथित बांग्लादेशियों के पहचान की गुत्थी अबतक नहीं सुलझी है. प्राथमिक जांच में पुलिस को पता चला था कि बांग्लादेशी नागरिकों ने पश्चिम बंगाल में किसी व्यक्ति से संपर्क कर भारतीय आधार कार्ड बनवाया था और इसी […]

जबलपुर/कोलकाता : सेना के लिए गोला-बारूद तैयार करने वाली देश की सबसे बड़ी ऑर्डिनेंस फैक्टरी में पकड़े गये कथित बांग्लादेशियों के पहचान की गुत्थी अबतक नहीं सुलझी है. प्राथमिक जांच में पुलिस को पता चला था कि बांग्लादेशी नागरिकों ने पश्चिम बंगाल में किसी व्यक्ति से संपर्क कर भारतीय आधार कार्ड बनवाया था और इसी के जरिये वे भारतीय ठेकेदारों के श्रमिक के रूप में ऑर्डिनेंस फैक्टरी जैसे अति संवेदनशील इलाकों में आसानी से अस्थायी श्रमिक के तौर पर नौकरी पा रहे हैं. स्थानीय श्रमिकों की तुलना में कम रुपये लेने के कारण ठेकेदार भी इनके झांसे में आ जाते हैं.
इन ठेका श्रमिकों में से अधिकांश की जन्मतिथि प्राय: एक समान होने के कारण संदेह होने पर इसकी जांच शुरू की गयी है. पुलिस ने श्रमिकों के आधार कार्ड से फिंगर का मिलान कराया. इसमें उनके पश्चिम बंगाल का निवासी होने की पुष्टि हो गयी है. लेकिन, पुलिस वेरीफिकेशन रिपोर्ट की जांच अभी होनी शेष है. इसकी जांच के लिए एमपी पुलिस की एक टीम बंगाल आ रही है. यह टीम इन श्रमिकों के कोलकाता के आसपास के इनके स्थानीय पते की भी जांच करेगी.
संवेदनशील मामला होने के कारण देश की कई जांच एजेंसियां भी इस मामले में सक्रियता दिखा रही हैं. अधिकारियों ने फैक्टरी प्रशासन से इनके कागजात लिए हैं.
ज्ञात हो कि ओएफके में सुरक्षा विभाग की जांच में एक ठेकेदार के 20 से 25 ठेका श्रमिकों की जन्म तिथि एक जनवरी पायी गयी. हालांकि, वर्ष अलग-अलग रहा. एक जन्म तारीख होने के कारण इसमें किसी प्रकार की गड़बड़ी का संदेह जताया गया. सुरक्षा विभाग ने इसकी रिपोर्ट वरिष्ठ महाप्रबंधक को सौंपी.
अपने स्तर पर जांच के बाद फैक्टरी प्रशासन ने इस मामले को पुलिस को सौंप दिया है. पुलिस अपने स्तर पर इसकी जांच कर रही है. सीएसपी अखिल वर्मा ने बताया कि पुलिस के पास जांच के लिए मामला आया है कि पश्चिम बंगाल के इन ठेका श्रमिकों की जन्म तारीख एक सी कैसे है. उन्होंने बताया कि श्रमिकों के आधार कार्ड की जांच की गयी. उनके उंगलियों के निशान मैच हो गये हैं. इस आधार पर सभी का पता पश्चिम बंगाल का है.
इसलिए प्रारंभिक जांच में इनके बांग्लादेशी होने जैसी बात सामने नहीं आयी है. उनका कहना था कि पूरी जांच के लिए एक टीम पश्चिम बंगाल जा रही है. वहीं इस मामले में राज्य पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि हम स्थानीय तौर पर जांच में पूरी मदद करेंगे. जिससे मामले की गहरायी तक जांच हो सके.

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