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बांग्लादेश होकर उत्तर बंगाल से कोलकाता आयेंगी ट्रेनें ,अभी के मुकाबले दूरी हो जायेगी आधी

एक साल में हलदीबाड़ी-चिलाहाटी लाइन का काम होगा पूरा 53 साल बाद चिलाहाटी की ओर दौड़ा इंजन जलपाईगुड़ी/कोलकाता. करीब 53 साल से बंद पड़ी, जलपाईगुड़ी से बांग्लादेश के चिलाहाटी को जोड़नेवाली रेल लाइन पर भारत के पूर्वोत्तर सीमांत (एनएफ) रेलवे ने बुधवार को एक इंजन ट्रायल के तौर पर चलाया. कूचबिहार जिले के हलदीबाड़ी स्टेशन […]

एक साल में हलदीबाड़ी-चिलाहाटी लाइन का काम होगा पूरा

53 साल बाद चिलाहाटी की ओर दौड़ा इंजन
जलपाईगुड़ी/कोलकाता. करीब 53 साल से बंद पड़ी, जलपाईगुड़ी से बांग्लादेश के चिलाहाटी को जोड़नेवाली रेल लाइन पर भारत के पूर्वोत्तर सीमांत (एनएफ) रेलवे ने बुधवार को एक इंजन ट्रायल के तौर पर चलाया. कूचबिहार जिले के हलदीबाड़ी स्टेशन से इंजन चला और भारत-बांग्लादेश सीमांत पर लगी बाड़ के पास तक करीब ढाई किलोमीटर का सफर चिलाहाटी की ओर तय किया. दोनों देशों की रेल लाइनों को आपस में जोड़ने के लिए सीमांत पर नयी रेल लाइन बनायी गयी है. 1965 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के चलते यह रेल लाइन बंद हुई और इसके बाद से अब जाकर इसे दोबारा शुरू किया जा रहा है. बांग्लादेश होकर कोलकाता जाने पर उत्तर बंगाल के कई इलाकों की राज्य की राजधानी से दूरी आधी रह जायेगी.
रेलवे सूत्रों ने बताया कि एक जमाने में दार्जिलिंग मेल सिलीगुड़ी जंक्शन से चलती थी और जलपाईगुड़ी टाउन, हलदीबाड़ी, चिलाहाटी, डोमार, टोड़नबाड़ी, नीलफामरी, सईदपुर, दर्शना, पारबतीपुर होकर बेनापोल सीमांत से कोलकाता या चितपुर स्टेशन पहुंचती थी. अभी एनजेपी से सियालदह जाने के लिए 567 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है. लेकिन हलदीबाड़ी-चिलाहाटी रेलपथ से कोलकाता जाने में इसका आधा सफर ही तय करना पड़ेगा. बीते सालों में भारत और बांग्लादेश के बीच इस रेल लाइन को दोबारा चालू करने का समझौता हुआ. उसी के अनुरूप इस लाइन पर रेल इंजन का ट्रायल किया गया.
भारत-बांग्लादेश सीमा को जीरो प्वाइंट कहा जाता है. हलदीबाड़ी से कंटीली बाड़ तक ढाई किलोमीटर की रेल लाइन भारतीय रेलवे ने तैयार कर ली है. जीरो प्वाइंट तक पहुंचने के लिए बाकी एक किलोमीटर रेल लाइन भी जल्द ही तैयार हो जायेगी. दूसरी तरफ बांग्लादेश की तरफ रेल लाइन का भी कुछ काम हुआ है. चिलाहाटी रेलवे स्टेशन पर प्लेटफार्म, प्रशासनिक भवन व अन्य यात्री सुविधाओं का काम खत्म कर लिया गया है. बुधवार को कंटीली बाड़ के पास तक हुए ट्रायल रन को देखने के लिए दोनों तरफ भारी भीड़ उमड़ पड़ी.हलदीबाड़ी के व्यवसायी गौरांग सरकार ने बताया कि जब यह रेल लाइन चालू थी, तब वह 65 रुपये किराया देकर कोलकाता गये थे. दोबारा इस रेलपथ के चालू होने से हलदबाड़ी और जलपाईगुड़ी की आर्थिक- सामाजिक स्थित बदल जायेगी. हलदीबाड़ी के स्थानीय कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष सिद्धांत मल्लिक ने बताया कि केंद्र में कांग्रेस की सरकार रहने के समय इस पथ से ट्रेन चलाने की हमने मांग की थी. जितनी जल्दी यह काम पूरा होगा उतनी ही जल्दी दो देशों के बीच व्यावसायिक व सांस्कृतिक संपर्क बढ़ेगा.
इधर, एनएफ रेलवे सूत्रों ने बताया कि हलदीबाड़ी से जीरो प्वाइंट तक रेलपथ, हलदीबाड़ी स्टेशन पर बुनियादी ढांचा बेहतर करने के लिए 31 करोड़ रुपये आंवटित किये गये हैं. इस साल के अंत तक या अगली साल तक काम पूरा कर लिया जायेगा.

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