प्रदेश भाजपा अध्यक्ष की सुरक्षा में लगी है राज्य पुलिस व सीआइएसएफ
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दिलीप की सुरक्षा को लेकर राज्य पुलिस और केंद्रीय बलों में ठनी
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष की सुरक्षा में लगी है राज्य पुलिस व सीआइएसएफ आग्नेयस्त्र लेकर दिलीप घोष के करीब पुलिस के जवान को रहने देने के पक्ष में नहीं हैं सीआइएसएफ कोलकाता : प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष की सुरक्षा को लेकर राज्य सरकार और केंद्र के बीच विरोध चरम पर है. मामला उनकी सुरक्षा में […]
आग्नेयस्त्र लेकर दिलीप घोष के करीब पुलिस के जवान को रहने देने के पक्ष में नहीं हैं सीआइएसएफ
कोलकाता : प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष की सुरक्षा को लेकर राज्य सरकार और केंद्र के बीच विरोध चरम पर है. मामला उनकी सुरक्षा में शामिल पुलिस और सीआइएसएफ को लेकर है. दोनों के बीच तालमेल का निरंतर अभाव है.
उल्लेखनीय है कि दिलीप घोष की सुरक्षा व्यवस्था में लगे दोनों वाहिनी के जवानों की अपनी अपनी अलग भूमिका है. यह बात खुद प्रदेश अध्यक्ष भी समझते हैं, लेकिन पुलिस व सीआइएसएफ के बीच बन नहीं रही है. इनके बीच अनबन से दिलीप घोष असमंजस में पड़ गये हैं. अब सवाल उठता है केंद्रीय बल को वापस भेजने पर राजनीतिक हलके में गलत संदेश जायेगा.
दूसरी ओर जो पुलिस अधिकारी इतने दिनों तक उनकी सुरक्षा में तैनात थे, उसे भी वह एक झटके में छोड़ नहीं पा रहे हैं.
सूत्रों के अनुसार, आग्नेयस्त्र लेकर दिलीप घोष के करीब पुलिस के जवान को रहने देने के पक्ष में नहीं हैं सीआइएसएफ. ऐसे में सवाल उठता है कि उनकी सुरक्षा की जिम्मेवारी कौन लेगा.
हालांकि दिलीप घोष ने मन बना लिया है कि वह राज्य सरकार की सुरक्षा व्यवस्था लौटा देंगे, लेकिन यहां सवाल उठता है कि विभिन्न जनसभाओं में हजारों लोगों की मौजूदगी में उन्हें सुरक्षा देने में सीआइएसएफ को दिक्कत आयेगी. जबकि पुलिस इस मामले में काफी दक्ष है. मौजूदा समय में कोलकत्ता पुलिस के स्पेशल ब्रांच के दो अधिकारी हर समय उनकी सुरक्षा में तैनात रहते हैं.
पुलिस के अलावा सीआइएसएफ के जवान तो हैं ही. पुलिस और सीआइएसएफ अपने रोस्टर के हिसाब से अपनी ड्यूटी कर रहे हैं. पुलिस का दावा है कि वे लोग इस काम को बेहतर ढंग से अंजाम देते हैं. एक पुलिस अधिकारी के अनुसार, दिलीप घोष का हाथ पकड़ कर गाड़ी में चढ़ाना और उतारने से ही उनकी सुरक्षा पूरी हो जाती है क्या? निजी सुरक्षा गार्ड की भूमिका इससे भी अधिक रहती है. जो पुलिस से बेहतर कोई नहीं कर सकता.
पुलिस सूत्रों के अनुसार, एयरपोर्ट व देश के विभिन्न शिल्पांचलों की सुरक्षा का जिम्मा सीआइएसएफ के पास है, लेकिन किसी को व्यक्तिगत सुरक्षा देने में स्थानीय इंटेलिजेंस का बहुत बड़ा योगदान होता है. यह काम पुलिस ही कर सकती है.
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