कोलकाता: नौ लोगों का जीवन लील लेनेवाले तीन साल पुराने नेताई नरसंहार के मुख्य आरोपी अनुज पांडेय को झारखंड से गिरफ्तार किया गया है. सीआइडी की विशेष अधीक्षक भारती घोष ने बताया कि माकपा की बिनपुर जोनल समिति के सचिव पांडेय को बोकारो जिले के चंद्रपुरा से मंगलवार को गिरफ्तार किया गया.
सीआइडी ने पांडेय को बोकारो की एक अदालत के समक्ष पेश किया और ट्रांजिट रिमांड लिया गया. उसे बर्दवान के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सलीम अहमद अंसारी की अदालत में बुधवार को पेश किया गया. मजिस्ट्रेट ने पांडेय को गुरुवार को झाड़ग्राम एसडीजेएम अदालत में पेश करने के लिए एक दिन की ट्रांजिट रिमांड दे दी.
भारती ने पत्रकारों को बताया कि सात जनवरी 2011 को नेताई गांव में जनसंहार के बाद से पांडेय झारखंड के माओवाद प्रभावित विभिन्न इलाकों में छिपा था. सीआइडी की विशेष अधीक्षक से जब पूछा गया कि क्या पांडेय का भाकपा (मोओवादी) से कोई रिश्ता है, तो उन्होंने दोहराया कि माकपा नेता ने पड़ोसी राज्य के माओवाद प्रभावित इलाकों में शरण ले रखी थी. पश्चिम मेदिनीपुर जिले के नेताई गांव में माकपा नेता रथिन डंडापत के घर से कथित रूप से गोलीबारी में नौ लोग मारे गये थे. पांडेय की गिरफ्तारी की खबर मिलने के बाद नेताई में गांववालों ने मिठाई बांटी.
इस मामले के पांच अन्य आरोपी पिछले 30 अप्रैल को हैदराबाद से गिरफ्तार किये गये थे. ये सभी माकपा के स्थानीय लीडर हैं. पांच लोग, डालिम पांडेय (अनुज का चचेरा भाई), रथिन डंडापत, जयदेव गिरि, तपन डे और मोहम्मद खलीलुद्दीन अभी हिरासत में हैं. सीबीआइ इस मामले की जांच कर रही है. घोष और पांडेय और अन्य गिरफ्तार लोगों को सीबीआइ के सुपुर्द किया जायेगा. इस मामले के 20 आरोपियों में से 18 लोग अब तक गिरफ्तार किये जा चुके हैं. दो आरोपी फुल्लारा मंडल और चंडी करण अब भी फरार हैं. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सीआइडी जांच पर असंतोष जताते हुए मामले की जांच सीबीआइ को सौंपने का आदेश दिया था. तत्कालीन वाम मोरचा सरकार ने इसके खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अपील दायर की थी. उच्चतम न्यायालय ने अपील खारिज कर दी थी.