चीनी की एक्स फैक्ट्री कीमत 3150 रुपये से बढ़ कर हुई 3550 रुपये प्रति क्विंटल
चीनी की एक्स फैक्ट्री कीमत 3900 रुपये प्रति क्विंटल करने की मांग
कोलकाता : खुदरा बाजार में फिलहाल चीनी 41 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बिक रहा है, लेकिन जल्द ही आपके चीनी का स्वाद बिगड़ सकता है, क्योंकि केंद्र सरकार द्वारा चीनी पर 100 फीसदी आयात शुल्क लगाने व प्रत्येक चीनी मिल को प्रति माह स्टॉक के 18 फीसदी ही बिक्री करने के निर्देश से चीनी की सप्लाई में कमी से चीनी की एक्स फैक्ट्री कीमत बढ़नी शुरू हो गयी है.
फरवरी 2018 के प्रथम सप्ताह में चीनी 3150 रुपये प्रति क्विंटल थी, जो वर्तमान में बढ़ कर 3550 रुपये प्रति क्विंटल हो गयी है, हालांकि चीनी मिल मालिकों को अभी भी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है.
इंडियन सुगर मिल्स एसोसिएशन (आइएसएमए) के पूर्व अध्यक्ष व रीगा सुगर कंपनी लिमिटेड के सीएमडी ओम प्रकाश धानुका ने यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में बताया कि वर्तमान में चीनी के उत्पादन पर 4125 रुपये की लागत अा रही है, लेकिन वर्तमान की चीनी की एक्स फैक्ट्री कीमत मात्र 3550 रुपये प्रति क्विंटल है. हालांकि पूर्व की तुलना में एक्स फैक्ट्री कीमत में वृद्धिु हुई है, लेकिन अभी भी नुकसान हो रहा है. केंद्र सरकार द्वारा नियंत्रण लगाने के कारण चीनी की कीमत में यह वृद्धि हुई है.
किसानों का बकाया 20 हजार करोड़ तक बढ़ने की आशंका
उन्होंने कहा कि चीनी मिल मालिकों को सही कीमत नहीं मिलने के कारण किसानों का बकाया लगभग 11269 करोड़ रुपये हो गया है तथा आशंका है कि यदि केंद्र सरकार ने हस्तक्षेप नहीं किया तो यह बकाया 20 हजार करोड़ रुपये तक हो सकता है. उन्होंने कहा कि सितंबर 2017 में चीनी की एक्स फैक्ट्री कीमत 3835 रुपये प्रति क्विटंल थी, लेकिन कुछ बड़ी चीनी फैक्ट्रियों द्वारा चीनी की सप्लाई ज्यादा करने के कारण नवंबर 2017 से कीमत गिरनी शुरू हुई,
जो फरवरी 2018 में गिर कर 3150 रुपये प्रति क्विटंल हो गयी थी, लेकिन केंद्र सरकार के हस्तक्षेप के कारण कीमतें बढ़ी हैं. उन्होंने कहा कि यह नियंत्रण फिलहाल केवल फरवरी व मार्च के लिए ही लागू किया गया है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर आग्रह किया है कि फैक्ट्री द्वारा चीनी सप्लाई पर नियंत्रण के नियम पूरे वर्ष के लिए लागू किया जाये तथा चीनी की एक्स फैक्ट्री कीमत 3,900 रुपये प्रति क्विंटल कर देनी चाहिए.
44 रुपये प्रति किलोग्राम खुदरा में बिकी चीनी
उन्होंने कहा कि कहा कि फिलहाल खुदरा में चीनी 41 रुपये मिल रही है, लेकिन खुदरा में चीनी की कीमत कम से कम 44 रुपये प्रति किलोग्राम होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि पूरे देश में चीनी की खपत प्रति वर्ष 245 लाख टन है, जबकि घरेलू उत्पादन 203 लाख टन है. इसमें 70 फीसदी चीनी की खपत बोतलबंद पेय उत्पादों द्वारा होती है. पूरी चीनी उत्पादन का मात्र 30 फीसदी खपत उपभोक्ता व स्थानीय उत्पादन के लिए किया जाता है.
20 लाख मीट्रिक टन बफर स्टॉक बनाने की जरूरत
उन्होंने कहा कि कीमतों को स्थिर करने के लिए 20 लाख मीट्रिक टन का बफर स्टॉक बनाने की जरूरत है तथा कम चीनी उत्पादन करनेवाली फैक्ट्रियों के लिए अधिक कोटा उपलब्ध कराया जाये, ताकि वे इस संकट में खुद को बचा कर रख पायें. उन्होंने कहा कि पूरे देश में 5000 करोड़ गन्ना उगाने वाले किसान हैं. 25 करोड़ लोग सीधे रूप से जुड़े हैं तथा अप्रत्यक्ष रूप से ज्यादा लोग जुड़े हैं. देश में कुल 714 चीनी फैक्ट्रियां हैं. इनमें 534 चल रही हैं तथा बाकी बंद हैं.
पत्रकारों को संबोधित करते रीगा सुगर कंपनी लिमिटेड के सीएमडी ओम प्रकाश धानुका