कोलकाता : भारत में केवल 23 फीसदी लोग ही रिटायरमेंट के बाद की वित्तीय योजना बनाते हैं, जिसकी वजह से 52 फीसदी बुजुर्ग अपने बच्चों की कमाई पर निर्भर हैं. ये बातें पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथाॅरिटी (पीएफआरडीए) के चेयरमैन हेमंत जी कांट्रेक्टर ने कही. उन्होंने रिजर्व बैंक की हाउसहोल्ड फाइनांस कमेटी का हवाला देते हुए बताया कि भारत में पेंशन को लेकर जागरूकता नहीं है,
जिसकी वजह संयुक्त परिवार का विघटन, राज्य कल्याणकारी योजनाओं की कमी, लोगों की जीवनक्षमता में वृद्धि, रोजगार में कमी व मुद्रास्फीति आदि तत्व जिम्मेदार हैं. पीएफआरडीए के कार्यकारी निदेशक अनंत गोपाल दास ने केंद्र सरकार की इस योजना को विश्व का सबसे कम कीमत का वित्तीय प्रोडक्ट बताया. उन्होंने कहा कि 27 राज्यों ने इस योजना को स्वीकार कर लिया है. उन्होंने बताया कि अब तक देश की 4235 काॅरपोरेट कंपनियां व 6 लाख से अधिक गैर-सरकारी क्षेत्र के कर्मचारी इस योजना से जुड़ चुके हैं.