10.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

उत्तर बंगाल में धड़ल्ले से जारी है मिलावटी सरसों तेल का कारोबार

पुलिस अभियान का भी नहीं हो रहा कोई असर मिलावटी तेल का मिड डे मील में भी इस्तेमाल खिचड़ी खाकर बच्चे हो रहे हैं बीमार कालियागंज : एक समय था जब उत्तर दिनाजपुर जिले के कालियागंज को उत्तर बंगाल का दूसरा कानपुर कहा जाता था. वहीं हालात यह है कि अब यह प्रखंड क्षेत्र मिलावटी […]

पुलिस अभियान का भी नहीं हो रहा कोई असर
मिलावटी तेल का मिड डे मील में भी इस्तेमाल
खिचड़ी खाकर बच्चे हो रहे हैं बीमार
कालियागंज : एक समय था जब उत्तर दिनाजपुर जिले के कालियागंज को उत्तर बंगाल का दूसरा कानपुर कहा जाता था. वहीं हालात यह है कि अब यह प्रखंड क्षेत्र मिलावटी सरसों तेल के लिए जाना जा रहा है. हाट-बाजारों में सस्ती दर पर मिलावटी सरसों तेल धड़ल्ले से बिक रहे हैं.
गाहे-बगाहे पुलिस ऐसे अवैध कारोबारियों के खिलाफ अभियान चलाती है. लेकिन इसके बावजूद यह कारोबार बदस्तूर जारी है. लोगों के रसोई घरों और स्कूलों के मिड डे मील तक ने इस तरह का मिलावटी सरसों तेल उपयोग में लाया जा रहा है. अभी हाल ही में जिले के करणदीघी में मध्याह्न भोजन के रूप में खिचड़ी खाकर करीब 30 विद्यार्थी अस्वस्थ हो गये थे. उनके अचानक अस्वस्थ होने की वजह मिलावटी सरसों तेल को बताया गया है.
जानकारी अनुसार, प्रशासन की नाक के नीचे कालियागंज में करीब 30 से 35 ऑयल मील और विभिन्न गोदामों से मिलावटी सरसों तेल तैयार करने का काम चल रहा था. आरोप है कि इन ऑयल मिलों में सरसों के साथ कृत्रिम सामग्री मिलाकर मिलावटी तेल तैयार किये जा रहे हैं. इन ऑयल मिलों से उत्तर व दक्षिण दिनाजपुर, मालदा, मुर्शिदाबाद, दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी और कूचबिहार सहित बिहार राज्य को भी तेलों की सप्लाई होती है.
सूत्र के अनुसार सरसों तेल में कम कीमत वाले सफेद तेल और पाम ऑयल जैसी सामग्री बड़े-बड़े टैंकर में भर कर कालियागंज लाया जाता है. सरसों तेल में मिलावट के लिए एक तरह का हानिकारक रासायनिक पदार्थ का भी उपयोग किया जाता है. इस रासायन से सरसों तेल जैसी तीखी झांक आती है. इसीलिए आम उपभोक्ता तेल में मिलावट को पकड़ नहीं पाते हैं. दो दिन पहले जिले के हेमताबाद प्रखंड के समासपुर इलाके के मीनापाड़ा में एक बांसवाड़ी से 219 एल्युमिनियम की बोतल में भरा रसायन पुलिस ने बरामद किया था.
इनमें से 75 बोतल खाली पाये गये थे. जबकि 144 बोतलों में तीखा गंधयुक्त तरल पदार्थ मिला था. पुलिस सूत्र के अनुसार इस रासायन का उपयोग मिलावटी सरसों तेल तैयार करने में किया जाता है. जानकारों के अनुसार उत्तर बंगाल के शहर और ग्रामीण हाट-बाजारों में शुद्ध सरसों तेल की तुलना में एक टीन मिलावटी सरसों तेल 100 से 400 रुपये कम कीमत पर बेचा जा रहा है.
नाम नहीं छापने की शर्त पर मिलावटी सरसों तेल के एक कारोबारी ने बताया कि प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों से लेकर नीचे तक के अधिकारियों के साथ सेटिंग कर यह कारोबार चलता है. उन्होंने बताया कि 30 रुपये से 40 रुपये के बीच कम कीमत वाले ह्वाइट ऑयल या पाम ऑयल खरीद कर मिलावटी सरसों तेल 80 से 100 रुपये की दर पर बेचा जा रहा है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें