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नॉन लेथल वेपन बनी मुसीबत
अजय विद्यार्थी बांग्लादेश चुनाव के बाद सख्त होगी बीएसएफ : डीजी कोलकाता : सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिदेशक केके शर्मा ने स्वीकार किया कि बांग्लादेश की सीमा पर तस्करों से मुकाबले के लिए नॉन लेथल वेपन के इस्तेमाल का नुकसान बीएसएफ को उठाना पड़ रहा है. रविवार को सीमांत चेतना मंच द्वारा भारत-बांग्लादेश सीमांत […]
अजय विद्यार्थी
बांग्लादेश चुनाव के बाद सख्त होगी बीएसएफ : डीजी
कोलकाता : सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिदेशक केके शर्मा ने स्वीकार किया कि बांग्लादेश की सीमा पर तस्करों से मुकाबले के लिए नॉन लेथल वेपन के इस्तेमाल का नुकसान बीएसएफ को उठाना पड़ रहा है.
रविवार को सीमांत चेतना मंच द्वारा भारत-बांग्लादेश सीमांत को लेकर दधीचि भवन में आयोजित दो दिवसीय चिंतन शिवर के अवसर पर श्री शर्मा ने कहा कि कुछ समय पहले तक बीएसएफ के जवानों की गोलियों से लगभग 90 से 100 तस्करों की मौत हुई थी. किसी की भी मौत दु:खद है, लेकिन वर्ष 2012 में बीएसएफ के जवानों को नॉन लेथल वेपन के इस्तेमाल का निर्देश दिया गया. इससे मौत नहीं होती है, केवल चोटें पहुंचती हैं. उसके बाद से लगातार तस्कर और जवानों में मुठभेड़ की घटनाएं बढ़ी हैं. पिछले वर्ष 2017 में तस्करों के हाथों एक जवान व एक अधिकारी की मौत हो गयी, जबकि 100 घायल हो गये हैं. उन्होंने कहा कि फिलहाल बांग्लादेश में भारत की मित्रवत सरकार है. इस वर्ष बांग्लादेश में चुनाव है. तस्करों की मौत होने पर बांग्लादेश सरकार की ओर से हमारी सरकार पर दबाव पड़ता है. उम्मीद है कि चुनाव के बाद बीएसएफ तस्करों के खिलाफ और सख्त होगी.
सीमा पर सीआइबीएमआइ पायलट परियोजना होगी शुरू
श्री शर्मा ने कहा कि भारत व बांग्लादेश के बीच सीमा पर लगभग 930 किलोमीटर जल सीमा है और कई बड़े दूभर क्षेत्र हैं, जहां तार के बाड़ लगाना संभव नहीं है. बीएसएफ ने ऐसी सीमा के लिए कंप्रेहेंसिव इंटिग्रेटेड बॉर्डर मैनेजमेंट सिस्टम (सीआइबीएमआइ) पॉयलट परियोजना शुरू की है. यह पांच किलोमीटर तक कार्य करेगा तथा अवांछनीय गतिविधियों पर अलार्म देगा. असम-ब्रह्मपुत्र इलाके में 50 किलोमीटर की सीमा व दक्षिण बंगाल, त्रिपुरा, पंजाब में 30-30 किलोमीटर की सीमा पर इसे शुरू किया जायेगा.
रोहिंग्या के प्रवेश रोकने में स्थानीय लोगों की मदद मांगी
श्री शर्मा ने कहा कि म्यांमार में समस्या के बाद लगभग आठ से 10 लाख रोहिंग्या बांग्लादेश में प्रवेश कर चुके हैं, लेकिन बीएसएफ की मुस्तैदी के कारण भारत में रोहिंग्या प्रवेश करने में सफल नहीं रहे हैं. उन्होंने सीमांत चेतना मंच के कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे स्थानीय लोग हैं. वे उनके कान व अांख हैं. जवानों को स्थानीय भाषा की जानकारी नहीं है. उनके साथ सहयोग करें. यदि किसी रोहिंग्या के समूह की जानकारी मिले, तो सूचित करें.
पशु तस्करी में आयी है कमी
श्री शर्मा ने कहा कि बांग्लादेश में होनेवाली पशु तस्करी में कमी आयी है. उन्होंने स्वीकार किया कि इसे रोकना बहुत सहज नहीं है, क्योंकि बांग्लादेश सरकार इसे पशु तस्करी नहीं मान कर पशु के व्यवसाय का दर्जा देती है तथा सरकार को प्रत्येक पशु पर 500 रुपये का कर मिलता है.
7000 जवानों की ही होगी नियुक्ति
श्री शर्मा ने कहा कि बीएसएफ देश की सीमा पर तैनात रहनेवाला सबसे बड़ा सैन्य बल है. यह 6500 किलोमीटर सीमा पर निगरानी करता है. सीमा पर फर्स्ट लाइन डिफेंस में बीएसएफ के ही जवान होते हैं. कश्मीर, पंजाब, राजस्थान, गुजरात से लेकर बांग्लादेश की सीमा पर बीएसएफ के जवान तैनात हैं. इनकी संख्या 2 लाख 57 हजार है. 7000 और जवानों की नियुक्ति शीघ्र ही की जायेगी.
फैक्ट फाइल
भारत-बांग्लादेश की सीमा : 4096.700 किलोमीटर लंबी
जल सीमा : 930.076 किलोमीटर (22.7 फीसदी)
थल सीमा 3166.624 किलोमीटर (77.3 फीसदी)
तारबंदी
योजना : 3326.140 किलोमीटर
कार्य पूर्ण : 2585.346 किलोमीटर
कार्य प्रगति पर : 250.911 किलोमीटर
कार्य लंबित : 489.880 किलोमीटर
भ्रष्ट बीएसएफ जवानों पर होती है कार्रवाई : श्री शर्मा ने स्वीकार किया कि बीएसएफ के कुछ जवानों की पशु तस्करों के साथ साठगांठ के साक्ष्य मिले हैं. इसे पूरी तरह से रोक पाना मुश्किल है. श्री शर्मा ने कहा : हममें से कुछ लोग साथ देते हैं, लेकिन बीएसएफ ऐसे लोगों की पहचान करती है. उन्हें पकड़ा जाता है. कई निकाल जाते हैं. कुछ जेल भी भेजे गये हैं. जवानों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने के लिए कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं.
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