पेट दर्द, दस्त, उल्टी व बुखार से पीड़ित हजारों लोग, अस्पताल में मरीजों की भीड़
101,102, 107,109 और 110 वार्ड के कई लोग डायरिया की चपेट में
पेयजल की जांच में जुटा कोलकाता नगर निगम
स्वास्थ्य भवन ने किया रिपोर्ट तलब
कोलकाता : महानगर में डायरिया का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है. हर रोज हजारों लोग पेट दर्द, दस्त, उल्टी व बुखार की शिकायत लेकर अस्पताल पहुंच रहे हैं. हालांकि अब तक इससे किसी की मौत नहीं हुई है. कोलकाता नगर निगम के आंकड़े के अनुसार बाघाजतीन स्टेट जनरल अस्पताल के आउटडोर विभाग में रविवार को कुल 429 लोगों का इलाज किया गया है , जिनमें से 43 को अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
जबकि दो रोगियों को बेतहर चिकित्सा के लिए बेलेघाटा स्थिति आईडी हॉस्पिटल में रेफर किया गया है, लेकिन वामपंथी पार्षदों का कहना है कि पीने का पानी गंदा होने के कारण लोग बीमार पड़ रहे हैं. वहीं मेयर शोभन चटर्जी ने आरोप को गलत बताते हुए कहा कहा कि दूषित पानी के प्रयोग से नहीं, बल्कि किसी अन्य कारण डायरिया से हो रहा है, जिसका पता लगाने के लिए विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है. गौरतलब है कि प्रभावित इलाकों में निगम के धापा वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से जलापूर्ति की जा रही है. निगम के मेयर परिषद सदस्य अतिन घोष, मेयर परिषद सदस्य देवव्रत मजूमदार, बोरो 11 के चेयरमैन तारकेश्वर चक्रवर्ती पूरी स्थिति पर नजर रख रहे हैं.
प्रभावित इलाकों में निगम की सक्रियता बढ़ी : डायरिया प्रभावित इलाकों में निगम की ओर ओआरएस पाउडर का पैकेट तथा दवा वितरण किया जा रहा है.
स्वास्थ्य विभाग ने किया रिपोर्ट तलब : डायरिया के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर स्वास्थ्य भवन ने निगम से पूरे मामले पर संक्षिप्त रिपोर्ट की मांग की है. इतना ही नहीं स्वास्थ्य विभाग भी प्रभावित इलाकों पर नजर रख रहा है.
पानी की जांच में नहीं मिली कोई गड़बड़ी : मेयर परिषद सदस्य (स्वास्थ्य) अतिन घोष ने बताया कि शनिवार व रविवार को पानी के सैंपल की जांच की गई है. रविवार को 82 जगहों से नमूना संग्रह किया गया है. सोमवार को भी संग्रह किया जायेगा. नमूने की जांच निगम के लैब में की गई है. अब तक के जांच में कहीं कोई गड़बड़ी की बात सामने नहीं आयी है.
महानगर के 102 नंबर वार्ड डायरिया से सबसे अधिक प्रभावित है. वार्ड के हेल्थ सेंटर मेें शनिवार व रविवार को करीब 400 लोगों का इलाज किया गया है. जबकि एक हजार से अधिक लोग इस बीमारी के चपेट में हैं. वार्ड के बाघाजतिन जे, डी ब्लॉक, पी एन दे रोड़, 3 व 5 नंबर चित्तरंजन कॉलोनी, बहादुर माठ, कामार पाड़ा में डायरिया का प्रकोप फैला हुआ है, तो राजापुर इलाके की हालत सबसे खराब है. यहां हर घर में डायरिया के मरीज हैं. 101 नंबर वार्ड के रवींद्रपल्ली, बीन नगर, 109 नंबर वार्ड के डी ब्लॉक, शहीद श्रीति, 110 के ब्रिजी, गरिया में डायरिया फैल चुका है.
मीडिया व वाम पार्षदों का आरोप है कि पानी से ही यह बीमारी फैल रही है. लेकिन अब तक किये गये जांच में इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि लोग दूषित पानी के पीने से ही बीमार पड़े है. बुस्टर पंपिंग स्टेशन, ओवर हेड , धापा व जय हिंद वाटर ट्रीटमेंट प्लांट समेत कुल 82 जगहों से पानी के सैंपल को संग्रह किया गया है. प्रभावित लोगों के घर से सैंपल को संग्रह किया गया है.
शोभन चटर्जी, मेयर, कोलकाता.
दूषित पानी के पीने से ही लोग बीमार पड़े हैं. गत छह दिनों से लोग दूषित पानी पी रहे थे, क्योंकि गत पांच छह दिनों के भीतर वार्ड के इलाके में भोज का भी आयोजन नहीं हुआ था, जिससे यह कहा जाय कि दूषित भोजन खाने के कारण लोग बामीर पड़ रहे हैं. सिर्फ 102 नंबर वार्ड में गत दो दिनों में 1000 से अधिक लोग डायरिया की चपेट में आ चुके हैं, जबकि दो रोगियों को बाघाजतीन अस्पताल से आईडी में रेफर किया गया है. लोगों से अपील वह निगम द्वारा सप्लाई किये जाने वाले पानी को उबाल कर ही पीये.
-रिंकू नस्कर, पार्षद 102 नंबर वार्ड, कोलकाता नगर निगम
अब तक की जांच निगम के लैब में की गयी है. मामले की निष्पक्ष रूप से जांच के लिए स्वास्थ्य भवन के लैब अथवा दूसरे किसी लैबोरेटरी में जांच जरूरी है.
-देवाशीष मुखर्जी, पार्षद, 99 नंबर वार्ड, कोलकाता नगर निगम