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एयरपोर्ट में नौकरी का झांसा देकर दिया जाली नियुक्तिपत्र

फर्जी कंपनी ने अभ्यर्थी से लिये कुल 70 हजार रुपये मजदूर पिता ने मुश्किल से जमा की थी रकम थाने में मामला दायर होने पर एयरपोर्ट प्राधिकरण सहयोग को तैयार बागडोगरा : एयरपोर्ट में नौकरी दिलाने के नाम पर अठारहखाई निवासी लक्खीकांत बर्मन ठगी का शिकार हो गये. इस बात का एहसास उन्हें तब हुआ […]

फर्जी कंपनी ने अभ्यर्थी से लिये कुल 70 हजार रुपये

मजदूर पिता ने मुश्किल से जमा की थी रकम
थाने में मामला दायर होने पर एयरपोर्ट प्राधिकरण सहयोग को तैयार
बागडोगरा : एयरपोर्ट में नौकरी दिलाने के नाम पर अठारहखाई निवासी लक्खीकांत बर्मन ठगी का शिकार हो गये. इस बात का एहसास उन्हें तब हुआ जब वे गुरुवार को बागडोगरा एयरपोर्ट में अपने नियुक्तिपत्र के साथ स्टोर कीपर की नौकरी में योगदान करने पहुंचे. जांच में पता चला कि वे ठगी का शिकार हो गये हैं. नियुक्तिपत्र फर्जी निकला. उल्लेखनीय है कि लक्खीकांत बर्मन से जालसाज कंपनी ने किश्तों में कुल 70 हजार रुपए वसूल लिये.
नियुक्तिपत्र में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया का लोगो और स्टाम्प सारा कुछ फर्जी पाया गया. इस बारे में जब जालसाजी की शिकायत करने लक्खीकांत बर्मन एयरपोर्ट की पुलिस फाड़ी गये तो उन्होंने उन्हें बागडोगरा थाने में शिकायत दर्ज कराने की सलाह दी. हालांकि बागडोगरा थाना में इस तरह की शिकायत खबर लिखे जाने तक जमा नहीं किये जाने की जानकारी थाना सूत्र ने दी है. वहीं, थाना पुलिस का कहना है कि थाना इस तरह की जालसाजी वाले मामले नहीं देखता. कारण इस तरह ऑनलाइन जालसाजी आये दिन होते रहते हैं.
उल्लेखनीय है कि लक्खीकांत बर्मन ने अखबार में विज्ञापन देखकर आरोपी कंपनी से फोन से संपर्क किया था. सबसे पहले अभ्यार्थी को पंजीयन शुल्क के बतौर 2250 रुपए देने पड़े. इस रकम को उन्होंने यूनियन बैंक में विशाल माथुर नामक व्यक्ति के एकाउंट में गत पांच जनवरी को जमा कराया. उसके बाद सैलरी एकाउंट के लिये उनसे 10 हजार, एग्रिमेंट व स्टाम्प पेपर के एवज में 12 हजार 500 रुपए, बीमे के लिये 9 हजार और 15 हजार रुपए जमा दिये. उसके बाद भी भुगतान का सिलसिला रुका नहीं. कंपनी ने अभ्यर्थी से प्रशिक्षण के लिये भी 15 हजार रुपए के हिसाब से कुल 70 हजार रुपए वसूले. यह सारी रकम सिर्फ नौकरी का झांसा देकर. उसके बाद कंपनी ने बागडोगरा एयरपोर्ट में स्टोर इनचार्ज के पद के लिये नियुक्तिपत्र ई-मेल के जरिये भेजा. उसकी एक प्रति उन्होंने लक्खीकांत को डाक के जरिये भी भेजी. लक्खीकांत ने बताया कि उन्हें फर्जी कंपनी वालों ने ट्रेनिंग अवधिक में पहले माह में वेतन 25 हजार रुपए, दूसरे माह में 30 हजार और तीसरे माह में 45 हजार रुपए वेतन देने का वादा किया था. उन्होंने अपने पिता श्याम बर्मन से मेहनत मजदूरी कर जमा किये रुपए लेकर जमा किये. उन्हें पता नहीं था कि इस तरह वे ठगी का शिकार हो जायेंगे. उल्लेखनीय है कि श्याम बर्मन बालासन नदी में पत्थर तोड़ने का काम कर रकम जमा की थी. वहीं, एयरपोर्ट के एक अधिकारी सुभाष बसाक ने बताया कि तकरीबन हर रोज यहां युवक युवती नियुक्तिपत्र दिखाकर यही दास्तान सुनाते हैं. उन सभी को वे पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराने के लिये कहते हैं. इस संबंध में एयरपोर्ट के निदेशक राकेश आर सहाय ने बताया कि इस तरह के मामले बहुत दिनों से हो रहे हैं. लेकिन ठगी का शिकार लोग थाने में इनकी शिकायत दर्ज नहीं कराते हैं. पुलिस कार्रवाई करे तो वे इसमें सहयोग करेंगे.
बागडोगरा थाना के एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि ज्यादातर मामलों में ठगी के शिकार लोग थाने में शिकायत दर्ज कराते नहीं. उन्हें इस संबंध में उनकी खिल्ली उड़ाये जाने का भय रहता है. दूसरे, पुलिस भी इस तरह के मामले पेचीदा होने के चलते ऐसे मामले दर्ज करने में आनाकानी करती है.

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