कहा, काम नहीं करना है तो फिर यहां बैठना क्यों
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पार्षद पति ने निगम अधिकारी को लगायी फटकार
कहा, काम नहीं करना है तो फिर यहां बैठना क्यों हावड़ा : वार्ड में नियमित सफाई नहीं होने आैर गैस रिसाव होने के बाद सफाई कर्मचारियों को मदद के लिए निगम पहुंचे वार्ड संख्या 60 की पार्षद सीमा भौमिक के पति दिवाकर चक्रवर्ती आैर निगम अधिकारी के बीच बहस हो गयी. बताया जा रहा है […]
हावड़ा : वार्ड में नियमित सफाई नहीं होने आैर गैस रिसाव होने के बाद सफाई कर्मचारियों को मदद के लिए निगम पहुंचे वार्ड संख्या 60 की पार्षद सीमा भौमिक के पति दिवाकर चक्रवर्ती आैर निगम अधिकारी के बीच बहस हो गयी. बताया जा रहा है कि कार्यालय में बैठे निगम अधिकारी ने यह कहा कि सफाई कर्मचारियों की संख्या पहले से ही कम है. ऐसे में दूसरे काम के लिए कर्मचारियों को कहां से लाया जाये. उनके इसी उत्तर से गुस्साये पार्षद के पति दिवाकर चक्रवर्ती ने निगम अधिकारी को जमकर फटकार लगायी आैर कहां कि जब काम ही नहीं करना है, सफाई कर्मचारी मौजूद ही नहीं हो, तो कार्यालय में बैठने से क्या होगा.
घटना बेलूड़ बाजार के पास पांच वार्डों की सफाई के लिए बनायी गयी कंजरवेंसी कार्यालय में घटी है. इस कार्यालय से सफाई के साथ पेयजल की समस्या की देखरेख की जाती है. जानकारी के अनुसार, सोमवार सुबह एशिया के सबसे बड़े लोहे के मार्केट में गैस रिसाव होने से करीब 100 लोग अस्वस्थ हो गये. इन सभी को अस्पताल पहुंचाना था लेकिन कंजरवेंसी कार्यालय से कोई मदद नहीं मिलने का आरोप है. यहीं से बात आगे बढ़ी. आरोप है कि पार्षद के पति ने वहां रखी एक फाइल को फेंक दिया. निगम अधिकारी ने कहा कि वह अभी नये-नये आये हैं. उनके पास सफाई कर्मचारियों की संख्या बेहद कम है. फिर भी कोशिश की जाती है कि सभी वार्डों में नियमित सफाई समय से हो. कर्मचारियों की संख्या कम होने के कारण निश्चित रूप से थोड़ी परेशानी होती है, लेकिन बहस आैर झगड़ा करने से समस्या का समाधान नहीं होगा.
दिवाकर चक्रवर्ती ने कहा कि लोगों के विरोध का सामना उनलोगों को करना पड़ता है. साफ-सफाई नहीं होने पर लोग पार्षद कार्यालय का घेराव करते हैं. लोग सफाई नहीं होने पर अपना गुस्सा पार्षद पर निकालते हैं. घेराव कंजरवेंसी कार्यालय का नहीं, बल्कि पार्षद कार्यालय का होता है. दिवाकर ने कहा कि वह पूरी घटना की शिकायत निगम कमिश्नर से करेंगे. वहीं पार्षद सीमा भौमिक ने कहा कि सफाई कर्मचारियों की संख्या अगर कम है, तो इसकी जानकारी पार्षद को मिलनी चाहिए.
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