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दो दिन राज्य में नहीं चलेंगी 47 हजार बसें

एक और दो फरवरी को बस हड़ताल, दूसरे राज्यों को जानेवाली बसों पर भी पड़ेगा असर दिक्कतों के कारण यात्री लौटा रहे हैं एडवांस बुकिंग के टिकट कोलकाता : एक व दो फरवरी को राज्य में बस हड़ताल बुलायी गयी है. इसका अन्तर्राज्यीय बसों पर भी असर पड़ेगा. हड़ताल में 32 हजार बसें, 13 हजार […]

एक और दो फरवरी को बस हड़ताल, दूसरे राज्यों को जानेवाली बसों पर भी पड़ेगा असर

दिक्कतों के कारण यात्री लौटा रहे हैं एडवांस बुकिंग के टिकट
कोलकाता : एक व दो फरवरी को राज्य में बस हड़ताल बुलायी गयी है. इसका अन्तर्राज्यीय बसों पर भी असर पड़ेगा. हड़ताल में 32 हजार बसें, 13 हजार मिनी बसें और दो हजार इंटर व इंटरा रिजन बसें शामिल हो रही हैं. कुल 47 हजार के करीब बसें दो दिनों तक सड़क पर नहीं उतरेंगी. मालूम हो कि डीजल की कीमतों में लगातार हो रहे इजाफे को लेकर बस मालिक संगठनों ने बसों के न्यूनतम किराया बढ़ाने की मांग करते हुए एक और दो फरवरी को बस हड़ताल का आह्वान किया है.
एडवांस टिकट वापस कर रहे यात्री : हड़ताल का असर बिहार, झारखंड और ओडिशा जाने वाली 100 से ज्यादा बसों के परिवहन पर भी पड़ेगा, जिससे यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ सकता है. जानकारी के मुताबिक, पिछले कुछ दिनों से इन तीन राज्यों के लिए एक व दो फरवरी के लिए एडवांस बुकिंग के टिकट यात्री लौटाने लगे हैं. अंतर्राज्यीय बसों से रोजाना करीब 20 हजार यात्रियों का आवागमन होता है, लेकिन एक और दो फरवरी को बंद के आह्वान से इनकी संख्या कम होने की संभावना है. पिछले कई दिनों से रोजाना कम से कम 50 से 60 लोग एडवांस टिकट रिटर्न करते आ रहे हैं. दूरगामी बस संगठन के अध्यक्ष मोहम्मद दाउद अली ने बताया कि आशंका जतायी जा रही है कि उन दो दिनों के दौरान यात्री काफी कम हो जायेंगे. कई लोग उस दिन आने के साधन नहीं मिलने के डर से टिकट रिटर्न कर रहे हैं. दूसरे डेट के टिकट कटवा रहे हैं या टिकट कैसिंल करवा ले रहे हैं.
कहां-कहां जाती है अन्तर्राज्यीय बसें : कोलकाता से ओडिशा के लिए मुख्यत: पुरी, भुवनेश्वर और कटक की बसें, बिहार के लिए पटना, गया और मुजफ्फरपुर की बसें और झारखंड के लिए रांची, टाटा, भागलपुर की बसें खुलती हैं. इसके साथ ही और भी कई जगहों के लिए बसें खुलती हैं.
अंतर्राज्यीय बसों पर एक नजर : कुल बसों की संख्या : 100 से ज्यादा, रोजाना यात्रियों की संख्या : करीब 20 हजार, कुल ड्राइवर : 150, कुल कंडक्टर : 150, संगठन से जुड़े कर्मचारी : 15 से 20 हजार
दीघा समेत अन्य जिलों के लिए दो हजार बसें रहेंगी बंद : एक और दो फरवरी को दूरगामी जिलों के लिए जानेवाली बसें भी बंद रहेंगी. महानगर से सटे हावड़ा से अन्य जिलों के लिए भी बसें खुलती हैं. हावड़ा से दीघा, घाटाल, चन्द्रकोना, ईटाबेरिया, सारेंगा, बाकुड़ा, आरामबाग, हुगली के लिए भी बसें जाती हैं, सभी बसें बंद रहेंगी. इंटर एंड इंटरा रिजन बस एसोसिएशन के सचिव प्रफुल्ल मजूमदार ने दावा किया है कि उनके संगठन के अधीन चलनेवाली दो हजार बसें बंद रहेंगी, जो हावड़ा, धर्मतल्ला, मिदनापुर, मेचदा, दीघा, बर्दवान समेत कई जगहों से खुलती हैं.
जिलों के लिए खुलने वाली बसें : हावड़ा से : 300 बसें, बाबूघाट से : 100 बसें, धर्मतल्ला से : 200 बसें
बस किराया बढ़ाये जाने की मांग पर कर रहे हड़ताल
ज्वाइंट काउंसिल ऑफ बस सिंडिकेट, मिनी बस ऑपरेटर्स को ऑडिनेशन कमेटी और इंटर-इंटरा रिजन बस एसोसिएशन तीनों संगठन हड़ताल में शामिल हैं. इसमें मूल रूप से बस और मिनी बस मालिक संगठन आंदोलन कर रहे हैं. जो बस भाड़ा बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि 2014 में अंतिम बस भाड़ा बढ़ाये जाने के बाद से बस भाड़ा नहीं बढ़ाया गया है, जबकि डीजल के दाम बढ़ते गये हैं. राज्य सरकार को बस मालिक संगठन ने 18 जनवरी तक का समय दिया था. सरकार से कोई प्रतिक्रिया नहीं आने के बाद संगठन ने दो दिवसीय हड़ताल की घोषणा की.
क्या है न्यूनतम किराया
बस का न्यूनतम किराया : 6 रुपये
मिनी बस का न्यूनतम किराया : 7 रुपये
क्या है मांग
बस का न्यूनतम किराया : 10 रुपये
मिनी बस का न्यूनतम किराया : 12 रुपये
क्या कहना है संगठनों का
हमारा संगठन आंदोलन का समर्थन करता है और कुल दो हजार की संख्या में बसें एक और दो फरवरी को बंद रहेंगी. दोनों दिन हावड़ा, मिदनापुर, बाबूघाट, धर्मतल्ला समेत विभिन्न प्रमुख जगहों से हमारे संगठन के अधीन चलनेवाली सारी बसें बंद रहेंगी. डीजल के दाम बढ़ते गये हैं. राज्य सरकार को बस मालिक संगठन ने 18 जनवरी तक का समय दिया था. सरकार से कोई प्रतिक्रिया नहीं आने के बाद संगठन ने दो दिवसीय हड़ताल की घोषणा की
-प्रफुल्ल मजूमदार, सचिव, इंटर एंड इंटरा रिजन बस एसोसिएशन, बंगाल
डीजल के दाम बढ़ रहे हैं. ऐसे में नुकसान झेल कर किसी तरह सेवाएं देनी पड़ रही हैं. बंगाल में बसें बंद रहने से अन्तर्राज्यीय बस सेवाओं पर भी इसका गहरा असर पड़ेगा. फिलहाल हमारा संगठन आंदोलन नहीं कर रहा है, लेकिन आंदोलन का समर्थन कर रहा है और अगर सरकार ने किसी तरह का कोई कदम नहीं उठाया तो हमारा संगठन भी आगे सड़क पर उतरेगा.
-मोहम्मद दाउद अली, अध्यक्ष, वेलफेयर एसोसिएशन ऑफ बस ऑनर एजेंट्स एंड स्टॉफ ऑफ इंटर स्टेट टूर एंड ट्रेवल, वेस्ट बंगाल

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