कोलकाता : पूरे विश्व में भारत की विशेष पहचान बनाने वाले और पथ-प्रदर्शक स्वामी विवेकानंद की जयंती राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है. स्वामी विवेकानंद ने हमेशा युवा वर्ग को महत्व दिया. उनका जीवन युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत है. विवेकानंद जयंती और राष्ट्रीय युवा दिवस के मौके पर प्रभात खबर, कोलकाता की ओर से कार्यालय में विशेष परिचर्चा का आयोजन किया गया. परिचर्चा का विषय था- ‘युवा चिंतन की दशा और दिशा’.
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देश के विकास में युवाओं की भागीदारी अहम
कोलकाता : पूरे विश्व में भारत की विशेष पहचान बनाने वाले और पथ-प्रदर्शक स्वामी विवेकानंद की जयंती राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है. स्वामी विवेकानंद ने हमेशा युवा वर्ग को महत्व दिया. उनका जीवन युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत है. विवेकानंद जयंती और राष्ट्रीय युवा दिवस के मौके पर प्रभात खबर, कोलकाता […]
अभिलाषा चांडक (मास्टर शेफ इंडिया की फाइनलिस्ट व फूड कंस्लटेंट): युवा की दशा पहले से काफी अच्छी है. पहले की अपेक्षा युवाओं को काफी संसाधन और सुविधाएं मिल रही हैं. आज के युवा को पता है कि उन्हें क्या करना चाहिए. स्थिति बदली है. युवाओं को लेकर समाज में नकरात्मक सोच को दूर करनी होगी. यदि वे सफल नहीं होते हैं तो निराश नहीं हो, फिर कोशिश करें.
डॉ विकास प्रकाश (लीवर व गैस्ट्रोइन्टेस्टनल डिजिजेज कंस्लटेंट ) : मौजूदा समय में युवा और बड़े-बुर्जुगों में सामंजस्य का अभाव बना हुआ है. इसकी वजह है कि सामाजिक स्थिति बदल रही है. वर्तमान में युवाओं की मानसिकता बन गयी है वर्क हार्ड और पार्टी हार्ड. इन्हीं सब का असर है कि गत कुछ वर्षों में युवा वर्ग का एक बड़ा हिस्सा अल्कोहल की चपेट में आ गया है. कुछ युवाओं को जब तक यह बात समझ में आती है तब तक देर हो जाती है. युवा का स्वास्थ्य बिगड़ेगा तो देश क्या मजबूत होगा? सही दिशा से युवा की दशा अच्छी हो सकती है.
डाॅ डॉली गुप्ता (डर्मेटोलॉजिस्ट, हेयर एंड कॉस्मेटिक सर्जन) : युवा की नींव मजबूत बचपन में मिली सीख से होती है. यानी बचपन से बच्चों को आय और बचत के महत्व को बताना चाहिए. युवाओं को और मौका दिये जाने की जरूरत है. सोशल मीडिया साइट का प्रभाव युवा वर्ग पर काफी ज्यादा है और उसमें पोस्ट होेने वाली ज्यादातर चीजों को वे सही समझने लगते हैं. लेकिन यह सही नहीं है. उन्हें सचेत होने की जरूरत है. सही दिशा की भी जरूरत है. साथ ही युवा वर्ग को हर क्षेत्र में और मौका दिये जाने की जरूरत है ताकि देश विकास की ओर अग्रसर हो सके.
दानिश नवाज (राजनीति से जुड़े) : स्वामी विवेकानंद की हर बातें प्रेरणादायक हैं.
मसलन उन्होंने कहा था कि जिन रास्तों में कठिनाई नहीं है उसकी मंजिल सफलता नहीं बन सकती. उन्होंने यह भी कहा था कि उठो, जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य ना प्राप्त हो जाये. बात यदि युवा वर्ग की मौजूदा दशा की हो तो, युवाओं को सटीक मौका नहीं मिल पाता है. राजनीति समेत कई ऐसे क्षेत्र हैं. दूसरी बात यह भी है कि कई लोगों की धारणा बन गयी है कि युवा खास नहीं कर पायेंगे. ऐसा नहीं है. किसी भी देश के विकास में युवाओं की भागीदारी अहम होती है.
युवाओं को मौका दें और वरिष्ठ उनका नेतृत्व करें. स्थिति और अच्छी होती जायेगी. दिशा की बात हो तो युवाओं को उठो, जागो और तब तक नहीं रूको जब तक लक्ष्य प्राप्त ना होने की बात पर अम्ल करना चाहिए.
काशिफ जफर (गार्डेनरीच पीस मुवमेंट संस्था के पदाधिकारी व सामाजिक कार्यकर्ता) : ऐसा नहीं है नौवजवानों को मौका नहीं मिलता. मुख्य बात है कि उनकी दिशा किस ओर होती है? मौजूदा समय में सोशल नेटवर्किंग साइट का काफी क्रेज है. काफी तादाद में युवा वर्ग इससे जुड़ा हुआ है. सोशल मीडिया के जरिये जमीनी स्तर की समस्याओं का समाधान नहीं निकल सकता है. इसके लिए युवा वर्ग को जमीनी स्तर के लोगों से मिलना होगा, युवा वर्ग को जोड़ना होगा. युवा वर्ग की दिशा सही रहेगी तो देश की दशा भी बेहतर होगी.
दीपक सोनकर (सामाजिक कार्यकर्ता) : देश मेें युवा वर्ग की तादाद सबसे ज्यादा है. प्रश्न यह है कि समाज और सामाजिक कार्यों के लिए कितने युुवा सोचते हैं व कोई पहल करते हैं? करीब 80 प्रतिशत युवा अपने कैरियर के बारे में सोचते हैं. अपने विकास के साथ समाज के विकास की बात भी जरूरी है. मौजूदा समय में युवाओं मेें धैर्य नहीं होता है लेकिन आगे बढ़ने के लिए यही सबसे ज्यादा जरूरी है. देश के राजनीति समेत हर क्षेत्र में युवाओं को और मौका दिये जाने की जरूरत है.
प्रभात खबर द्वारा आयोजित परिचर्चा में बोले अतिथि
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