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पाठ्यक्रम में शामिल हो शास्त्रीय संगीत
संगीत नाटक अकादमी ने दिया प्रधानमंत्री को प्रस्ताव अजय विद्यार्थी कोलकाता : संगीत नाटक अकादमी ने केंद्र सरकार को स्कूलों के पाठ्यक्रम में शास्त्रीय संगीत को शामिल करने का प्रस्ताव दिया है, ताकि बच्चों में शास्त्रीय संगीत के प्रति रूचि पैदा हो और शास्त्रीय संगीत का प्रचार-प्रसार हो. संगीत नाटक अकादमी के अध्यक्ष प्रसिद्ध संगीतकार […]
संगीत नाटक अकादमी ने दिया प्रधानमंत्री को प्रस्ताव
अजय विद्यार्थी
कोलकाता : संगीत नाटक अकादमी ने केंद्र सरकार को स्कूलों के पाठ्यक्रम में शास्त्रीय संगीत को शामिल करने का प्रस्ताव दिया है, ताकि बच्चों में शास्त्रीय संगीत के प्रति रूचि पैदा हो और शास्त्रीय संगीत का प्रचार-प्रसार हो. संगीत नाटक अकादमी के अध्यक्ष प्रसिद्ध संगीतकार व थिटेयर निदेशक शेखर सेन के नेतृत्व में संगीतकारों के एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी. मुलाकात के दौरान प्रतिनिधिमंडल ने शास्त्रीय संगीत के प्रचार-प्रसार के लिए 26 सुझाव दिये थे. उनमें पाठ्यक्रमों में शास्त्रीय संगीत को शामिल करने का प्रस्ताव भी शामिल था. श्री सेन ने प्रभात खबर को मुंबई से फोन पर बताया कि प्रधानमंत्री ने उन लोगों के सुझाव को सकारात्मक बताया तथा उन पर विचार का आश्वासन दिया है.
श्री सेन ने कहा कि शास्त्रीय संगीत, केंद्र व राज्य सरकार द्वारा संचालित सभी स्कूलों के पाठ्यक्रमों में शामिल किया जाना चाहिए. शास्त्रीय संगीत का बच्चों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. जापान के टोक्यो में किये गये एक अध्ययन के दौरान पाया गया कि पढ़ाई में पिछड़ रहे बच्चों को एक वर्ष तक शास्त्रीय संगीत की शिक्षा दी गयी. उसके अगले वर्ष से लगभग 15-30 फीसदी बच्चों का परीक्षा परिणाम बेहतर हो गया.
विभूतियों के नाम उनके पैतृक गांव में लगे फलक : श्री सेन ने कहा कि साहित्य, कला या संगीत के क्षेत्र में विशिष्ट पहचान प्राप्त कर चुके कलाकारों की पहचान के लिए गांव में प्रवेश के पहले फलक लगाया जाये.
जैसे यदि कोई नागार्जुन के गांव की ओर जा रहा है तो लगभग 10 किलोमीटर पहले एक फलक लगा दिया जाये कि वह साहित्यकार नागार्जुन के गांव की ओर जा रहे हैं. इससे विभूतियों को तो सम्मान मिलेगा ही. साहित्य और संगीत के प्रति लोगों में रुचि भी पैदा होगी.
संगीत पर राष्ट्रपति भवन में होगी कार्यशाला : श्री सेन ने कहा कि राष्ट्रपति भवन में शास्त्रीय संगीत व लोक संगीत को लेकर दो दिवसीय कार्यशाला की योजना बनायी गयी है. दो दिनों तक चलनेवाली कार्यशाला में देश के कोने-कोने से संगीतकार हिस्सा लेंगे. कार्यशाला के अक्तूबर-नवंबर में होने की संभावना है. राष्ट्रपति ने भी इस पर सहमति जतायी है.
यह पहली बार होगा. अभी तक राष्ट्रपति भवन में शास्त्रीय संगीत के कार्यक्रम हुए हैं, लेकिन कार्यशाला अभी तक नहीं हुई है. यह पहला अवसर होगा जब राष्ट्रपति भवन में संगीत पर कार्यशाला का आयोजन किया जायेगा.
पद्मश्री पंडित विश्वमोहन भट्ट ने किया समर्थन : प्रसिद्ध मोहनवीणा वादक व संगीत नाटक अकादमी के सदस्य पद्मश्री विश्वमोहन भट्ट का कहना है कि स्कूलों में शास्त्रीय संगीत को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए, क्योंकि इससे न केवल बच्चों को भारतीय सभ्यता व संस्कृति का ज्ञान होगा, वरन शास्त्रीय संगीत व परंपरा के प्रति उनमें रुचि भी पैदा होगी और इससे कलाकारों को बड़ी संख्या में रोजगार भी मिलेगा.
निजी व सरकारी स्कूलों में बाध्यतामूलक हो शास्त्रीय संगीत : पंडित तरुण भट्टाचार्य : प्रसिद्ध संतूर वादक पंडित तरुण भट्टाचार्य ने कहा कि वे लोग लंबे समय से स्कूलों के पाठ्यक्रम में शास्त्रीय संगीत को शामिल करने की मांग उठा रहे हैं.
कोलकाता प्रेस क्लब में उन्होंने अपने नये एल्बम ‘मिजल ऑफ लव’ का विमोचन किया. इस एल्बम में कवि गुरु रवींद्रनाथ टैगोर की कविताओं को प्रसिद्ध आवृत्ति कलाकार चंद्रेयी ने अपने स्वर में कविता पाठ किया है.
वर्षा और प्रेम की टैगोर की कविताओं के बीच पंडित तरुण भट्टाचार्य ने अपने संतूर के सुर देकर अद्भुत युगलबंदी की है. श्री भट्टाचार्य ने कहा कि शास्त्रीय संगीत बच्चों को सही रास्ते पर ले जाता है.
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