कोलकाता : बंगाल के राजनीतिक समीकरणों में बदलाव के संकेतों के बीच सबंग उपचुनाव में बढ़े भाजपा के वोट प्रतिशत ने तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस को अपनी पार्टियों के भीतर विश्वासघातियों को तलाशने पर मजबूर कर दिया है. दोनों राजनीतिक दलों के नेताओं को लगता है कि पार्टी छोड़ कर जानेवाले नेताओं ने संबग उपचुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. इस उपचुनाव में तृणमूल कांग्रेस को जीत मिली है. पार्टी के हिस्से में 1,06,179 वोट आये जबकि भाजपा को 37,476 वोट मिले हैं,
जो 2016 विधानसभा चुनावों के 5,610 वोटों के मुकाबले काफी ज्यादा है. जिला कांग्रेस नेतृत्व को लगता है कि मानस भुईयां का उनकी पार्टी छोड़ कर तृणमूल कांग्रेस में शामिल होना संबग उपचुनाव में पार्टी के लिए काफी नुकसानदेह रहा. मानस फिलहाल कांग्रेस से राज्यसभा के सदस्य हैं. जिला कांग्रेस के एक नेता का कहना है, हमारे अपनों ने धोखा दिया है. तृणमूल कांग्रेस और भाजपा ने इस स्थिति का लाभ उठाया है. उपचुनाव में मानस भूईयां की पत्नी गीता रानी भूईयां को जीत मिली है.
पश्चिम मिदनापुर जिले के तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व को लगता है कि पार्टी के पूर्व नेता मुकुल राय के भाजपा में शामिल होने से भगवा पार्टी का वोट प्रतिशत बढ़ा है. राय तृणमूल कांग्रेस में दूसरे नंबर के नेता थे. वह सबंग से ही विधायक हुआ करते थे और उनके इस्तीफे के कारण ही यह सीट खाली हुई थी. तृणमूल कांग्रेस के जिलास्तर के एक नेता का कहना है जिले में ऐसे बहुत से नेता है जो अपने राजनीतिक करियर को लेकर राय के एहसानों तले दबे हुए हैं. हमें यह देखना होगा कि उन्होंने हमें धोखा दिया है या नहीं. पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्य के परिवहन मंत्री शुभेंदु अधिकारी भी जिलास्तरीय नेता से इत्तेफाक रखते हैं. अधिकारी का कहना है, सबंग उपचुनाव से पहले बर्खास्त किये गये पार्टी के नेता ने षडयंत्र रचा. उन्होंने हमारे नेताओं के फोन नंबर जुटाए और उन्हें डराने के तरीके खोजे. पार्टी सुप्रीमो को पता करना है कि यह नंबर किसने दिये. हालांकि, सबंग उपचुनाव में भाजपा तीसरे नंबर पर रही, लेकिन उसकी वोट प्रतिशत में वृद्धि ने बंगाल के राजनीतिक हलके में लोगों के कान खड़े कर दिये हैं. गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में जल्दी ही पंचायती चुनाव होने हैं.