यह प्रक्रिया 31 जनवरी को समाप्त होगी. इसमें आवेदन करनेवाले छात्रों के लिए भी एक क्राइटेरिया निर्धारित किया गया है. इसमें भाग लेनेवाले छात्रों की पर्याप्त उपस्थिति भी मायने रखती है. राज्य सरकार के लिए यह जरूरी नहीं है कि जनवरी 31 तक ही चुनाव समाप्त किये जाएं. इसकी प्रक्रिया के नियमों में कुछ बदलाव किया गया है. नये नियम के अनुसार चुनाव साल में दो बार होंगे.
कब होंगे, अभी कुछ ठीक नहीं है. एक शिक्षा अधिकारी का कहना है कि जब तक पंचायत चुनाव के शिड्यूल की घोषणा नहीं होती है, तब तक कॉलेजों को प्रतीक्षा करनी होगी. छात्र यूनियन चुनाव की तिथि पहले नहीं घोषित की जा सकती है. छात्र यूनियन चुनाव वेस्ट बंगाल यूनिवर्सिटीज ऑफ कॉलेजस (एडमिनिस्ट्रेशन एंड रेग्युलेशंस) एक्ट, 2017 के अनुसार ही होंगे. गत साल छात्र यूनियन चुनाव दिसंबर, 2016 व जनवरी, 2017 के बीच किये गये थे. जून, में इस एक्ट के लागू होने से पहले छात्र यूनियन का कार्यकाल एक साल का था. अब इस एक्ट के बाद इसका कार्यकाल दो साल बढ़ा दिया है. लॉ बनाने से छात्रों की चयन प्रक्रिया में भी पारदर्शिता बनी रहेगी. हो सकता है कि कि जब तक पंचायत चुनाव घोषित नहीं हो जाते हैं, सरकार वर्तमान छात्र यूनियनों को अपना कामकाज जारी रखने के लिए अनुमति दे दी है. शिक्षा विभाग के एक अधिकारी का कहना है कि यूनिवर्सिटी से जुड़े सभी जिला के कॉलेजों में भी एक ही दिन छात्र यूनियन चुनाव करवाये जा सकते हैं, ताकि कोई असमानता न हो. इसके लिए पुलिस के सहयोग की भी जरूरत होगी. कॉलेजों में पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था होने से छात्रों के बीच शांति व अनुशासन बना रहेगा. वरना किसी अप्रिय घटना की संभावना भी चुनाव में बनी रहती है.