कोलकाता : राज्य सरकार बेकार हो गयीं खटारा बसों की नीलामी करेगी. इसके लिए टेंडर भी जारी हो गया है. इन बसों की नीलामी करने के बाद सड़कों पर इलेकट्रिक बसों को लाया जायेगा. पश्चिम बंगाल परिवहन ढांचा विकास निगम के चेयरमैन दिनेश बजाज ने अनौपचारिक बातचीत के दौरान बताया कि पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से अरसे पहले राज्य सरकार की पहल पर विभिन्न बैंकों के माध्यम से लोगों को तकरीबन पांच सौ बसें दी गयी थीं,
ताकि लोग इन बसों को चला कर इससे होने वाली आमदनी से बैंक का किश्त अदा कर सकें. इसके लिए राज्य सरकार गैरेंटर बनी थी. लोग बसों को लेकर सड़कों पर चलाने तो लगे, लेकिन बैंकों को किश्त अदा नहीं कर रहे थे. कुछ लोग समय पर किश्त दिये भी. नतीजतन मौजूदा दौर में महज 50 से 60 बस ही सड़कों पर दौड़ रही हैं. किश्त नहीं देनेवाली बसों को सरकार ने जब्त कर लिया है. जब्त की गयी बसें फिलहाल सरकार के डिपो में पड़ी हुई हैं. इन बसों की स्थिति बेहद खराब है. इसका रखरखाव सही तरीके से नहीं किया गया. इनको बेचने के लिए नीलामी होगी.
इसके बाद राज्य सरकार 2018 से सड़कों पर इलेक्ट्रिक बसों को दौड़ाने की योजना बनायी है. इसके लिए जल्द ही टेंडर बुलाया जायेगा. इलेक्ट्रिक बसें पर्यावरण के लिहाज से सुविधाजनक तो होगी ही, साथ में इसको ईंधन से चलने वाली बसों के मुकाबले खर्च भी कम आयेगा. इससे दोहरा फायदा होगा.
इसके इसके अलावा राज्य सरकार कोलकाता के बेहला स्थित डोमेम्टिक एयरपोर्ट से कूचबिहार, मालदा और बालुरघाट जैसे छोटे एयरपोर्ट पर आवागमन के लिए एक छोटा विमान भी किराये पर लेने जा रही है. सात अथवा नौ सीट वाला यह छोटा विमान इन इलाके के लोगों के लिए बेहद फायदेमंद होगा. जिस कंपनी के साथ राज्य सरकार करार करेगी, उसके साथ पांच साल का अनुबंध होगा. हालांकि राज्य सरकार के पास हेलीकॉप्टर की सेवा है, लेकिन छोटा प्लेन यात्रियों के बीच काफी लोकप्रिय होगा, क्योंकि इसका किराया उसी अनुपात में रखा जायेगा. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की पहल पर परिवहन सेवा को यात्रियों के हित में बनाने की दिशा में कई प्रयास किये जा रहे हैं. जल्द ही उसको अमलीजामा पहना दिया जायेगा.