कोलकाता: बसीरहाट लोकसभा सीट पर पांच प्रत्याशी आमने-सामने चुनाव लड़ रहे हैं. इनमें तृणमूल के इदरिश अली, भाजपा के शमिक भट्टाचार्य, कांग्रेस के प्रत्याशी अब्दुर रहीम दिलू, माकपा के नुरुल हुदा और यूडीएफ के सिदिकुल्ला चौधरी शामिल है. सभी प्रत्याशी घर-घर जाकर मतदाताओं को अपने पक्ष में लुभाने में लगे हुए हैं. सभी प्रत्याशी करीब सभी इलाके का दौरा कर चुके हैं.
वाममोरचा के किले के तौर पर परिचित बसीरहाट लोकसभा सीट पर 2009 में तृणमूल के हाजी नुरुल इस्लाम ने 60 135 वोट के अंतर से चुनाव जीता था. इस बार तृणमूल ने हाजी नुरुल को वहां से उठा कर जंगीपुर में भेज दिया. जंगीपुर में उनका मुकाबला राष्ट्रपति के बेटे से है. पेशे से वकील व तृणमूल के प्रत्याशी इदरिश अली बसीरहाट के मतदाताओं के बीच जाना-पहचाना चेहरा है. वह हाजी नुरुल इस्लाम के समर्थकों के साथ अपना संबंध बेहतर बना रहे हैं, इसके बाद इस बार कांग्रेस के साथ गंठबंधन न होने के वजह से उन्हें कांग्रेस से एक कड़ी चुनौती मिल रही है. कांग्रेस के प्रत्याशी काजी अब्दुर रहीम दिलू ने भी पूरा जोर लगा दिया है.
वह विधायक काजी अब्दुल गफार के बेटे हैं. पिता के समर्थन से उन्हें बढ़त मिलने की उम्मीद है. दूसरी ओर भाजपा के प्रत्याशी शमिक भट्टाचार्य भी अपने जीत के प्रति आश्वस्त हैं. गत बार भाजपा को बसीरहाट में 68 014 वोट मिले थे. गांव व मुहल्ले में तृणमूल के साथ भाजपा की टक्कर जोरदार होने की बात सुनी जा रही है, हालांकि यह साफ नहीं है. दूसरी ओर माकपा के प्रत्याशी नुरुल हुदा भी चुनाव प्रचार में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. पंचायत वोट के परिणाम को देखते हुए माकपा के प्रत्याशी नुरुल हुदा भी पूरा जोर लगा दिया है, हालांकि बसीरहाट, बादुड़िया, टाकी नगरपालिका इलाके में माकपा के समर्थन में गिरावट आयी है.
वहीं राज्य के राजनीतिक में एक समय चर्चा के केंद्र रहे सिदिकुल्ला चौधरी भी इस बार बसीरहाट केंद्र के प्रत्याशी है.वह गत लोकसभा चुनाव में बसीरहाट लोकसभा केंद्र से चुनाव लड़े थे. उन्हें 41, 416 वोट मिला था.