जब उन्हें इसकी अनुभूति हुई तो अपने घरवालों बतायी. लेकिन कोई उनकी बात पर यकीन करने को तैयार नहीं था. इसके बाद चिकित्सक सॉल्टलेक स्थित एक निजी अस्पताल में चेकअप कराने पहुंचीं. उनकी बात सुनकर डॉक्टर भी स्तब्ध रह गये. उन्होंने ब्लेड की सही पोजीशन जानने के लिए टेस्ट कराने को कहा. जांच में पता चला कि पेट के ठीक निचले सिरे में छोटी आंत तक ब्लेड पहुंच गया है.
डॉक्टरों ने ब्लेड निकालने की प्रक्रिया तुरंत आरंभ की. डॉक्टर महेश गोयनका ने बताया कि यदि ब्लेड आंत में घुस जाता तो यह केस जटिल हो जाता. सिक्के, दांत, अंगूठी निगलना आम बात है, लेकिन ब्लेड धारदार होता है. इसलिए हमें अधिक सतर्कता की जरूरत थी. हमने ओवरट्यूब एंडोस्कोपी की मदद से ब्लेड को बाहर निकाला.