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सीएमआरआइ में गर्भवती की मौत इलाज में लापरवाही का लगा आरोप

जलपाईगुड़ी : बुधवार की सुबह कोलकाता के डायमंड हार्बर रोड स्थित कलकत्ता मेडिकल रिसर्च इंस्टीच्यूट (सीएमआरआइ) में जलपाईगुड़ी शहर के सहृद लेन की रहनेवाली एक गर्भवती महिला मौमिता चटर्जी (35) की मौत हो गयी. इसे लेकर सीएमआरआइ अस्पताल और कोलकाता की ही एक अन्य स्त्री रोग विशेषज्ञ पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगा है. […]

जलपाईगुड़ी : बुधवार की सुबह कोलकाता के डायमंड हार्बर रोड स्थित कलकत्ता मेडिकल रिसर्च इंस्टीच्यूट (सीएमआरआइ) में जलपाईगुड़ी शहर के सहृद लेन की रहनेवाली एक गर्भवती महिला मौमिता चटर्जी (35) की मौत हो गयी. इसे लेकर सीएमआरआइ अस्पताल और कोलकाता की ही एक अन्य स्त्री रोग विशेषज्ञ पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगा है. इस घटना को लेकर मृतका के परिजनों ने कोलकाता के अलीपुर थाने के साथ-साथ जलपाईगुड़ी कोतवाली थाने में भी इलाज में लापरवाही की शिकायत दर्ज करायी है. अस्पताल द्वारा जारी मृत्यु प्रमाण पत्र में कई गड़बड़ियों का आरोप लगाया गया है.
पारिवारिक सूत्रों के मुताबिक, मृतका मौमिता मालदा के आइएमपीएस नामक निजी इंजीनियरिंग इंस्टीच्यूट में गर्ल्स हास्टल अधीक्षक थीं. हालांकि वह अभी मातृत्वकालीन अवकाश पर थीं. उनके पति अनन्य चटर्जी एक निजी संस्था में काम करते हैं. मौमिता का डॉ वाणीव्रत मित्र से इलाज कराने के लिए उन्हें कोलकाता के बेहाला लाया गया था. बेहाला में एक किराये के घर में रखकर उनका इलाज कराया जा रहा था. गत मंगलवार की रात मौमिता की हालत बिगड़ने पर डॉ मित्र को फोन किया गया.
उन्होंने प्रेसक्रिप्शन में लिखा इंजेक्शन लगाने की सलाह दी. लेकिन बुधवार तड़के उनकी हालत और बिगड़ गयी. इसके बाद डॉ मित्र को फोन करने पर उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया. तब मौमिता को कलकत्ता मेडिकल रिसर्च इंस्टीच्यूट (सीएमआरआइ) ले जाया गया. जहां मौमिता को तड़के साढ़े चार बजे आइसीयू में भर्ती कर लिया गया. आधे घंटे बाद मौमिता को मृत घोषित कर दिया. इस पर अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि घर से अस्पताल लाते समय ही मरीज की मौत हो चुकी थी.
ऐसे में, पति अनन्य व परिवार के अन्य लोगों का आरोप है कि यदि मरीज की मौत अस्पताल लाने के पहले ही हो चुकी थी तो उसे भर्ती क्यों लिया गया. सीएमआरआइ में मौमिता देवी के दाखिले का रजिस्ट्रेशन नंबर 65872 है. मरीज का आइडी सी 8976 और डेथ सर्टिफिकेट नंबर 330 है. अनन्य चटर्जी के रिश्तेदार शाश्वत चटर्जी का आरोप है कि डॉ वाणीव्रत मित्र का मरीज होने के बावजूद उन्होंने फोन रिसीव क्यों नहीं किया? इस संबंध में कोलकाता की अलीपुर थाना पुलिस से शिकायत की गयी, पर तुरंत कोई मदद नहीं मिली.
अलीपुर थाने में मेल करने के बाद हुआ पोस्टमार्टम
जलपाईगुड़ी कोतवाली थाने में जीडी करने और सभी आवश्यक कागजात अलीपुर थाने में मेल करने के बाद बुधवार शाम को मौमिता के शव का पोस्टमार्टम किया गया एवं इसके बाद शव को गुरुवार को जलपाईगुड़ी लाया गया. गुरुवार को जलपाईगुड़ी के मासकलाईबाड़ी श्मशान में शव का अंतिम संस्कार किया गया. इस घटना को लेकर सहृद लेन में शोक छाया हुआ है. मौमिता की मां बीथिका मित्र का आरोप है कि यदि अस्पताल में लाने के रास्ते में ही बेटी की मौत हो गई थी तो भर्ती ही क्यों किया गया. डेथ सर्टिफिकेट में मौत का समय 22 नवंबर, सुबह 6.50 बजे लिखा गया, लेकिन बिल में सुबह 11.18 बजे समय दिखाया गया है. अस्पताल में डेथ सर्टिफिकेट में मरीज का आइडी का उल्लेख करने का मतलब है मरीज को भर्ती किया गया है, जबकि बताया गया है कि रास्ते में ही मरीज की मौत हो चुकी थी.

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