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जाली नोटों की तस्करी का प्रमुख मार्ग बन रहा मालदा

कोलकाता : नयी दिल्ली में साढ़े लाख रुपये के जाली नोट सहित एक व्यक्ति को पकड़ा गया, जिसके तार पश्चिम बंगाल के मालदा से जुड़े हुए हैं. गत शुक्रवार को दिल्ली पुलिस ने मोहम्मद काशिद को आनंद विहार इलाके से दबोचा, जिसके कब्जे से दो हजार रुपये के करीब साढ़े छह लाख जाली नोट जब्त […]

कोलकाता : नयी दिल्ली में साढ़े लाख रुपये के जाली नोट सहित एक व्यक्ति को पकड़ा गया, जिसके तार पश्चिम बंगाल के मालदा से जुड़े हुए हैं. गत शुक्रवार को दिल्ली पुलिस ने मोहम्मद काशिद को आनंद विहार इलाके से दबोचा, जिसके कब्जे से दो हजार रुपये के करीब साढ़े छह लाख जाली नोट जब्त किये गये हैं. आरोप है कि मोहम्मद काशिद जाली नोटों के तस्करों के अंतरराष्ट्रीय गिरोह से जुड़ा हुआ है और वह मालदा जिले का निवासी है.
दिल्ली पुलिस के उपायुक्त पीके कुशवाहा ने बताया कि प्राथमिक जांच में यह बात सामने आयी है कि आरोपी मालदा से जाली नोटों की खेप उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड व अन्य राज्यों में सप्लाई करता था और वह इस धंधे में करीब 15 वर्षों से लिप्त है. भारत-बांग्लादेश सीमावर्ती इलाकों से जाली नोटों की खेप देश में भेजने के कई मामले हो चुके हैं. ज्यादातर मामले मालदा स्थित भारत-बांग्लादेश सीमावर्ती इलाके में हुए हैं. नयी दिल्ली में जाली नोट के साथ पकड़े गये मालदा मूल के शख्स वाली घटना से यह कहना गलत नहीं होगा कि जाली नोटों की तस्करी के लिए मालदा प्रमुख मार्ग के तौर पर उभर रहा है.
तस्करों की नजर युवाओं पर : मालदा और मुर्शिदाबाद के स्थानीय सूत्रों का कहना है कि ज्यादातर युवा वर्ग को तस्करों द्वारा प्रमुखता दी जाती है. सूत्रों के अनुसार जाली नोटों को दूसरे जगह ले जाने पर उन्हें एक से पांच हजार रुपये की कमीशन मिलती है. हालांकि आधिकारिक तौर पर इस बारे में कुछ नहीं कहा गया है. बीएसएफ द्वारा जब्त किये जानेवाले जाली नोटों के कई मामलों में यह बात सामने आयी है कि भारत-बांग्लादेश सीमा पर लगे तारों के ऊपर से जाली नोटों के बंडल देश की सीमा मेें फेंके जाते हैं. भारत में तस्करों के सदस्य उस खेप को देश के अन्य राज्यों मेें भेजने की व्यवस्था करते है.
लंबे सीमावर्ती क्षेत्र का फायदा उठाते हैं तस्कर
जानकारी के अनुसार मालदा-मुर्शिदाबाद भारत-बांग्लादेश सीमावर्ती का करीब 18 किलोमीटर लंबा क्षेत्र माना है. साउथ बंगाल फ्रंटियर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और कई केंद्रीय एजेंसियां जाली नोटों के मामलों पर अंकुश लगाने के लिए मालदा इलाके पर ज्यादा निगरानी रखती हैं. सूत्रों के अनुसार गत वर्ष नोटबंदी के बाद दो हजार रुपये के जाली नोटों की पहली खेफ बीएसएफ ने मालदा सेक्टर में पकड़ी थी. जाली नोट के कारोबारी भारत-बांग्लादेश सीमावर्ती इलाके जाली नोटोंं की सप्लाई को प्रमुखता दे रहे हैं. लंबा सीमावर्ती क्षेत्र होने के नाते मालदा उनकी खास पसंद बन रही है.
अब तक 53.56 लाख जाली नोट जब्त
बीएसएफ साउथ बंगाल फ्रंटियर के जवानों ने इस वर्ष छह नवंबर तक सीमावर्ती इलाके से करीब 53,56,000 लाख रुपये के जाली नोट जब्त किये हैं. जाली नोट दो हजार रुपये के हैं. इस मामले में सात लोगों को दबोचा भी गया है.
साउथ बंगाल फ्रंटियर बीएसएफ का अभियान
14 फरवरी : मालदा के चूड़ीअंतपुर बाॅर्डर आउटपोस्ट से बीएसएफ ने दो लाख के जाली नोट सहित एक को पकड़ा
19 फरवरी : मालदा वैष्णवनगर इलाके से बीएसएफ ने 96 हजार के जाली नोट सहित एक व्यक्ति को पकड़ा
02 और 03 अप्रैल : मालदा सेक्टर के चूड़ीअंतपुर और फरक्का इलाके से चार लाख के जाली नोट जब्त, एक गिरफ्तार
10 अप्रैल : मालदा सेक्टर चूड़ीअंतपुर बार्डर आउटपोस्ट से 6,96,000 रुपये जाली नोट जब्त
6 अगस्त : मालदा सेक्टर से 92 हजार जाली नोट सहित एक गिरफ्तार
24 अगस्त : मालदा सेक्टर के बार्डर आउटपोस्ट चूड़ीअंतपुर इलाके से 5.20 लाख के जाली नोट जब्त
2 सितंबर : मालदा सेक्टर के गोलापगंज से 92 हजार के जाली नोट सहित एक पकड़ा गया
6 नवंबर : मालदा सेक्टर के गोलापगंज से 9,70,000 रुपये के जाली नोट सहित एक गिरफ्तार

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