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स्वास्थ्य को ही धन मानते हैं महानगर के युवा

कोलकाता: एक ताजा सर्वे के अनुसार, अन्य मेट्रो सिटी की तुलना में कोलकाता के युवा सेहत के प्रति काफी सजह हैं. यहां के युवा सबसे अधिक प्राथमिकता सेहत को बेहतर बनाये रखने को देते हैं. अांकड़ों के अनुसार, महानगर के 29 प्रतिशत वयस्‍कों ने अच्‍छी सेहत को बनाये रखना अपनी पहली प्राथमिकता माना है, जबकि […]

कोलकाता: एक ताजा सर्वे के अनुसार, अन्य मेट्रो सिटी की तुलना में कोलकाता के युवा सेहत के प्रति काफी सजह हैं. यहां के युवा सबसे अधिक प्राथमिकता सेहत को बेहतर बनाये रखने को देते हैं. अांकड़ों के अनुसार, महानगर के 29 प्रतिशत वयस्‍कों ने अच्‍छी सेहत को बनाये रखना अपनी पहली प्राथमिकता माना है, जबकि सुविधाजनक वित्तीय स्थिति में होने को 26 प्रतिशत, एक सफल कैरियर को 16 प्रतिशत और परिवार के भरण-पोषण को 11 प्रतिशत, अपना घर खरीदने को नौ प्रतिशत और दुनिया की सैर करने को चार प्रतिशत युवाओं ने प्राथमिकता दी थी.

यदि सेहतमंद आदतों को लेकर सतर्क रहने की बात की जाये तो अधिकतर कोलकातावासियों, यानि लगभग 71 प्रतिशत ने सेहतमंद खाने को सबसे ऊपर रखा. इसके बाद धूमपान नहीं करने को 66 प्रतिशत, रोजाना व्‍यायाम करने को 65 प्रतिशत, टीकाकरण को लेकर सतर्क रहने को 53 प्रतिशत, नियमित रूप से स्‍वास्‍थ्‍य की जांच को 45 प्रतिशत, कैंसर की जांच को 45 प्रतिशत और नियमित रूप से दांतों की जांच को 31 प्रतिशत ने प्राथमिकता थी. 75 प्रतिशत कोलकातावासी माता-पिता का मानना है कि बच्चों के टीकाकरण को लेकर सतर्क रहना उनके अपने टीकाकरण से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण है.

नये सर्वेक्षण में पाया गया कि भारत में वयस्कों के टीके की जानकारी का अभाव है, 43 प्रतिशत वयस्क को लगता है कि उन्हें वयस्कों के टीकों के बारे में जानकारी नहीं है. टीकों से जीवनभर मिलने वाले लाभ के बारे में जागरूकता फैलाने के लिये जीएसके कंपनी ने ‘वैक्सीनेट फॉर लाइफ’ अभियान शुरू किया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा ये कहने के बावजूद कि टीकाकरण सबसे शक्तिशाली और प्रभावी उपाय है. आइपॉस मॉरी द्वारा कराये गये एक नये ग्लोबल सर्वेक्षण में पाया गया कि 68 प्रतिशत वयस्कों को उन वैक्सीन की जानकारी नहीं थी, जो उन्हें लगवाने की सलाह दी गई थी. इस सर्वेक्षण को जीएसके ने प्रायोजित किया था.
वैक्सीनेट फॉर लाइफ सर्वे के बारे में बताते हुए ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड के प्रबंध निदेशक ए वैधीश ने कहा कि सर्वे के परिणाम बताते हैं कि व्यस्क टीकाकरण के बारे में देश में जागरूकता फैलाना कितना आवश्यक है.
ज्यादातर लोग बचपन में टीकाकरण कराने के महत्व के बारे में जानते हैं, जबकि टीकाकरण किशोरों, वयस्कों और बुजुर्गों के लिये भी उतना ही महत्वपूर्ण होता है. यूनिसेफ और विश्व बैंक के अनुसार जीवन बचाने के मामले में टीकाकरण के समक्ष केवल साफ पानी पीना ही उसके मुकाबले में खड़ा हो सकता है.
इस संबंध में डॉ शफी कोल्हापुरे, वाइस प्रेसिडेंट, मेडिकल अफेयर्स वैक्‍सीन्‍स, ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड ने कहा कि वैक्सीनेट फॉर लाइफ अभियान वैश्विक स्वास्थ्य पर जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से शुरू किया गया है ताकि वयस्क टीकाकरण दर में वृद्धि हो सके. विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि टीकाकरण जन साधारण के स्वास्थ्य के लिये सबसे प्रभावी उपायों में से एक है. साथ ही दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीन निर्माताओं में से एक जीएसके टीकों के बारे में सामान्य जागरूकता फैलाने और जीवनभर टीकाकरण को प्रोत्साहित करने के लिये दूसरों के साथ साझीदारी करने के लिये प्रतिबद्ध है.
भारत में कराये गये सर्वेक्षण के परिणाम
42 प्रतिशत वयस्कों ने बेहतर शारीरिक स्वास्थ्य को जीवन की पहली प्राथमिकता माना, लेकिन सामान्‍यतौर पर स्वस्थ रहने के लिये अन्य तरीकों की बजाय टीकाकरण को लेकर सतर्क रहने को कम महत्‍व दिया. अन्य तरीकों में जैसे सेहतमंद खाना, सक्रिय बने रहना और धूम्रपान नहीं करना खासतौर से पुरुषों में शामिल था. भारत में सर्वे में शामिल ज्यादातर वयस्कों ने माना कि वैक्सीन गंभीर बीमारियों से बचने का एक प्रभावी तरीका है, इसके बावजूद वह इसका प्रयोग करना नहीं चाहते.
34 प्रतिशत का मानना है कि ये केवल यात्रा के उद्देश्य से है.
38 प्रतिशत मानते हैं कि ये केवल बच्चों और शिशुओं के लिए है.
26 प्रतिशत मानते हैं कि यदि कोई तंदुरुस्त और स्वस्थ है तो उसे टीकाकरण की जरूरत नहीं.
19 % का मानना है कि टीकाकरण केवल बुजुर्गों के लिये होता है.
कोलकाता के आंकड़े धारणा उम्र का प्रतिशत
वयस्कों का टीकाकरण गंभीर बीमारियों से बचाव का प्रभावी तरीका है 73 प्रतिशत
वयस्क टीकाकरण सरकारध्बीमा कं‍पनियों द्वारा भुगतान योग्य है 28 प्रतिशत
18 साल से अधिक के लिये टीकाकरण यात्रा के उद्देश्य से होता है 33 प्रतिशत
टीकाकरण की जरूरत नहीं, यदि आप स्‍वस्‍थ हैं 25 प्रतिशत
टीकाकरण केवल शिशुओं के लिये होता है 43 प्रतिशत
टीकाकरण केवल बुजुर्गों के लिये होता है 26 प्रतिशत
कोलकातावासियों ने हेल्थ प्रोफेशनल्स को लेकर किस पर करते हैं विश्वास
38 प्रतिशत पत्रिकाएं
42 प्रतिशत परिवार और मित्र
40 प्रतिशत सरकारी वेबसाइट्स
35 प्रतिशत मीडिया रिपोर्ट
21 प्रतिशत इंटरनेट पर खोजबीन
18 प्रतिशत वैक्सीन निर्माता वेबसाइट्स
8 प्रतिशत ब्लॉगर और ऑनलाइन फोरम
8 प्रतिशत लोगों ने कहा वह सितारों के विचारों के साथ जाना पसंद करते हैं

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