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बंगाल : मोदी को उपहार देंगे बंगाल की सत्ता
आक्रामक. भाजपा में जुड़ने के बाद मुकुल राय ने पहली बार किया सभा को संबोधित, कहा कहा : तृणमूल कांग्रेस में बड़ी संख्या में टूट होगी कोलकाता : प्रदेश भाजपा की ओर से रानी रासमणि एवेन्यू में आयोजित ‘तृणमूल कांग्रेस तुष्टीकरण छोड़ो, पश्चिम बंग में लोकतंत्र लाओ’ सभा को संबोधित करते हुए मुकुल राय ने […]
आक्रामक. भाजपा में जुड़ने के बाद मुकुल राय ने पहली बार किया सभा को संबोधित, कहा
कहा : तृणमूल कांग्रेस में बड़ी संख्या में टूट होगी
कोलकाता : प्रदेश भाजपा की ओर से रानी रासमणि एवेन्यू में आयोजित ‘तृणमूल कांग्रेस तुष्टीकरण छोड़ो, पश्चिम बंग में लोकतंत्र लाओ’ सभा को संबोधित करते हुए मुकुल राय ने कहा कि 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पश्चिम बंगाल की सत्ता उपहार देंगे.
हालांकि अभी 13 राज्यों में भाजपा के मुख्यमंत्री और छह राज्यों में गठबंधन की सरकार है. उन्होंने बंगाल के पार्टी अध्यक्ष और उनकी टीम की तारीफ करते हुए कहा कि पिछले दो सालों से उन लोगों ने कड़ी मेहनत की है, जिससे हम अपने लक्ष्य के काफी करीब पहुंच गये हैं. हम लोग बाकी की कमी को मिलकर पूरा कर लेंगे, क्योंकि तृणमूल कांग्रेस में बड़ी संख्या में टूट होगी. जिले में लोग इसका इंतजार कर रहे हैं.
सभा में भीड़ से उत्साहित दिखे भाजपा नेता
सभा में बड़ी संख्या में भाजपा के कार्यकर्ता, समर्थक और नेता मौजूद हुए. भीड़ को देखकर मंच पर मौजूद नेता बार-बार अपना उत्साह दिखा रहे थे. मंच पर पार्टी के प्रदेश के सभी शाखा संगठनों के पदाधिकारियों के साथ कैलाश विजयवर्गीय, दिलीप घोष, मुकुल राय, मंत्री बाबुल सुप्रियो, सांसद जार्ज बेकर, सांसद सपन दासगुप्ता, राहुल सिन्हा, देवश्री चौधुरी, राजू बनर्जी, सायंतन बसु के अलावा पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुकुमार बनर्जी, पूर्व विधायक शमिक भट्टाचार्य, संजय सिंह के अलावा पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रभाकर तिवारी मौजूद थे.
मुकुल के सहयोग से होगा सत्ता परिवर्तन : कैलाश
मुकुल के उपहार पर बंगाल के भाजपा प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि मुकुल राय के सहयोग से बंगाल में सत्ता परिवर्तन होगा और भाजपा की सरकार बनेगी. उन्होंने ममता बनर्जी की कार्यप्रणाली पर अंगुली उठाते हुए कहा कि अगर उनके अंदर दम है तो केंद्र सरकार से धन लेना बंद करके दिखायें, क्योंकि वह केंद्रीय योजनाओं के नाम पर आवंटित होनेवाली रकम तो लेती हैं, लेकिन उन योजनाओं का नाम बदल कर अपना प्रभाव दिखाना चाहती है.
उन्होंने कहा कि अगर यही करना है तो वह केंद्र से रकम लेना बंद कर दें. उन्होंने कहा : मैं जानता हूं, वह ऐसा नहीं करेंगी, क्योंकि उनके पास अपने कर्मचारियों को वेतन और डीए देने की ताकत नहीं है. उन्होंने कहा कि लोगों के सामने ईमानदारी का स्वांग रचनेवाली बुआ और उनके भतीजे की पोल खुल गयी है. उनके पास भी काफी सबूत है, उसका खुलासा वह जल्द करेंगे.
मुकुल राय प्रदेश भाजपा के कोच हैं : दिलीप घोष
दिलीप घोष ने कहा कि भाजपा को रोकने के लिए तृणमूल कांग्रेस पुलिस और गुंडों का सहारा ले रही है. उनके सैकड़ों कार्यकर्ताओं पर हमला किये गये हैं. 40 से अधिक पार्टी दफ्तर में तोड़फोड़ की गयी है. इसके बावजूद वह भाजपा को रोक नहीं पा रही हैं, क्योंकि लोग इस सरकार से निजात पाना चाहते हैं.
उनका भरोसा भाजपा बन गयी है. उन्होंने कहा कि जिस मुकुल राय को लेकर वह अन्य दलों के पार्टी कार्यकर्ता और जनप्रतिनिधियों को तोड़ी थी, वह मुकुल राय अब उनकी पार्टी में हैं और प्रदेश भाजपा के कोच हैं. लिहाजा जो लोग अभी बाहर हैं, उनको यह आवेदन कर रहा हूं कि वह लोग अभी मौका है भाजपा में शामिल हो जायें. सभा को दिलीप घोष के अलावा देवश्री चौधरी और बाबुल सुप्रियो ने भी संबोधित किया था.
सभा में आकर्षण का केंद्र बना मुकुल का कटआउट
झलकियां
रानी रासमणि की सभा में आकर्षक बनाने के लिए भाजपा कार्यकर्ता अपने-अपने तरीके से पहुंचे, जिसमें कुछ लोग मुकुल राय का एक ऐसा कटआउट लिये हुये थे, जिसमें मुकुल राय योद्धा के पोशाक में ममता बनर्जी को कंधे पर रख कर पटखनी देने वाले पोज में थे. यह कटआउट लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ था, जिसे देख कर मुकुल राय और कैलाश विजयवर्गीय बेहद दुखी हुए.
बाद में मंच से कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी महिलाओं का सम्मान करती है, वह इस तरह के कटआउट का समर्थन नहीं करती. आगे से कार्यकर्ता इसका ख्याल रखें, क्योंकि जोश में एेसा कुछ लोग कर जरूर दिये हैं, लेकिन इस तरह का कार्य वह दोबारा नहीं करेंगे.
अर्से बाद दिखे पुराने नेता
भाजपा के इस सभा में कई पुराने चेहरे एेसे दिखे जो हाल के दिनों में पार्टी के किसी कार्यक्रम में नजर नहीं आते थे. सुकुमार बनर्जी, प्रभाकर तिवारी, आदित्य टंडन सरीखे ये पुराने नेताओं को पार्टी की सभा में देखा गया. यह चेहरे हाल के दिनों में दिखना दुर्लभ हो गया था.
खुद यह नेता स्वीकार करते हैं कि उनको पार्टी में पहले वाला सम्मान अब नहीं मिलता. फिलहाल उनके पास कोई जिम्मेवारी भी नहीं है. कभी इन लोगों के कंधों पर प्रदेश भाजपा का दारोमदार रहता था, जो मौजूदा नेतृत्व से नाराज चल रहे हैं.
मुकुल का स्वागत
मुकुल राय को लेकर सभा में मौजूद लोगों का उत्साह देखने लायक था. मुकुल के बोलने का अंदाज लोगों को काफी पसंद आया. लोग बार-बार ताली बजाकर उनके साथ सहमति जताते दिखे. भाजपा नेताओं के मुकाबले मुकुल का स्वागत लोगों ने जोरदार तरीके से किया. जैसे ही मंच पर मुकुल पहुंचे लोग खड़ा होकर ताली बजाने लगे और मुकुल राय जिंदाबाद का नारा लगाने लगे.
मुकुल ने जताया दुख
मुकुल राय ने सभा में दुख जताते हुए कहा कि जिन उद्देश्यों को लेकर पार्टी का जन्म हुआ उससे वह भटक गयी. सत्ता में आने के बाद पार्टी ने स्लोगन दिया था बदला नहीं बदलाव चाहिये, लेकिन अब यह नारा बदलाव नहीं बदला चाहिये में बदल गया है. अब परिवर्तन भाजपा करेगी, क्योंकि यह संगठित अनुशासित राष्ट्रीय पार्टी है. इसके नेता नरेंद्र मोदी और अमित भाई शाह हैं. लिहाजा 2021 में हमलोग अपने नेता को बंगाल की सत्ता उपहार में देंगे.
उम्मीद के मुताबिक तृणमूल में टूट नहीं
लोग कयास लगा रहे थे कि 10 नवंबर की सभा में बड़ी संख्या में लोग तृममूल कांग्रेस से भाजपा में शामिल होंगे. उम्मीद तो पूरी नहीं हुई, लेकिन तकरीबन हर जगह से कुछ ना कुछ कार्यकर्ता और नेता शामिल होकर यह संकेत जरूर दिये कि आने वाले वक्त में सब कुछ ठीक रहा तो बड़ी संख्या में लोग भाजपा में शामिल होंगे. हालांकि एक पार्षद और एक जिला परिषद का कार्याध्यक्ष का शामिल होना ही उल्लेखनीय रहा.
चटनी बाबू से चीनी बाबू का सफर
जिस दिन मुकुल राय भाजपा में शामिल होकर प्रदेश भाजपा दफ्तर पहुंचे थे. उस दिन संवाददाता सम्मेलन में प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने उनका स्वागत करते हुए कहा था कि बंगाल में भाजपा तेजी से बढ़ रही है. लोगों का यकीन विपक्ष के रूप में भाजपा बनती जा रही है.
हमलोगों ने पूरा खाना परोसा हुआ है. ऐसे में मुकुल राय का पार्टी में आना पूरे खाने को स्वादिष्ट बनाने में चटनी के जैसा है. इस पर तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी मुकुल राय को अब चटनी बाबू के नाम से संबोधित करने लगे हैं. चटनी से तुलना करने वाले प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने आज फिर कहा कि तृणमूल कांग्रेस को पटखनी देने के लिए ताकत की जरूरत है.
भाजपा के दूध का गिलास पूरा भरा हुआ है और उसको स्वादिष्ट बनाने के लिए मुकुल राय चीनी के जैसे हैं. वे हमारे कोच बन गये हैं. अब उनके नेतृत्व में हमलोग तृणमूल को उसी के अंदाज में पटखनी देंगे. सभा में मौजूद लोग आपस में चर्चा करने लगे कि चटनी बाबू के बाद अब मुकुल दा क्या चीनी बाबू हो गये.
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