इधर हाल ही में सूडा ने डेंगू के खिलाफ प्रचार अभियान के लिए सिलीगुड़ी जलपाईगुड़ी विकास प्राधिकरण (एसजेडीए) को 30 लाख रुपये आवंटित किया. मेयर अशोक भट्टाचार्य ने इसे पूरी तरह से असंवैधानिक बताया है. मेयर का आरोप है कि राजनैतिक विरोध की वजह से राज्य सरकार सिलीगुड़ी नगर निगम से उसका संवैधानिक हक छीन रही है. राज्य सरकार की इसी नीति के खिलाफ उन्होंने राज्य के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी, केंद्रीय शहरी विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी पत्र लिखा है.
श्री भट्टाचार्य यहां संवददाताओं से बात कर रहे थे. उन्होंने कहा कि है सिलीगुड़ी नगर निगम को राज्य सरकार से जो संवैधानिक आर्थिक सहायता मिलनी चाहिए वह नहीं मिल रही है. सिलीगुड़ी नगर निगम एक संवैधानिक प्रतिष्ठान है जबकि सिलीगुड़ी जलपाईगुड़ी विकास प्राधिकरण एक प्रशासनिक संस्था है. डेंगू को लेकर सिलीगुड़ी नगर निगम ने राज्य की अन्य नगर पालिकाओं के मुकाबले अधिक कार्य किया है. प्रचार, फॉगिंग, चेल व ब्लीचिंग छिंड़काव के लिए जो तीस लाख रूपये सिलीगुड़ी नगर निगम को मिलने चाहिए, उसे राज्य सरकार ने एसजेडीए को दे दिया.
मंगलवार की शाम सिलीगुड़ी नगर निगम के सभागार में पत्रकारों को संबोधित करते हुए मेयर अशोक भट्टाचार्य ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सिर्फ राजनीतिक विरोध की वजह से सिलीगुड़ी नगर निगम के सामने आर्थिक रोड़ा उत्पन्न किया जा रहा है. यह सिर्फ निगम का नहीं बल्कि सिलीगुड़ीवासियों का भी अपमान है. क्योंकि सिलीगुड़ी के लोगों ने निगम की बागडोर वाम मोरचा के हाथ में सौंपी है.