उन्होंने बताया कि वर्ष 2011 के पहले यहां कुल मांग का लगभग 20 प्रतिशत प्याज का ही उत्पादन होता था और 80 प्रतिशत प्याज अन्य राज्यों से मंगाया जाता था, लेकिन राज्य में उत्पादन क्षमता को बढ़ा कर अब 55 प्रतिशत कर दिया गया है और अब मात्र 45 प्रतिशत प्याज ही अन्य राज्यों से मंगाया जाता है.
उन्होंने बताया कि बंगाल में प्रत्येक वर्ष लगभग 5.5 लाख मेट्रिक टन प्याज की खपत होती है और अभी यहां 2.75 लाख टन प्याज का उत्पादन हो रहा है. अगले पांच वर्षों में यहां प्याज की उत्पादन क्षमता और बढ़ायी जायेगी, जिससे अन्य राज्यों से प्याज मंगाने की जरूरत नहीं होगी. उन्होंने बताया कि राज्य के पश्चिमांचल के जिले बांकुड़ा, पुरूलिया, पश्चिम मेदिनीपुर, वीरभूम व बर्दवान में प्याज की खेती की जा रही है. उन्होंने कहा कि किसानों को प्याज की खेती करने के लिए प्रोत्साहित करना एक चुनौती भरा कार्य है, लेकिन किसानों को समझाने में राज्य सरकार कामयाब हुई है और इन्हें प्याज की खेती करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है.