कोलकाता. मुकुल राय के दिल्ली दौरे और भाजपा में जाने की अटकलबाजियों के बीच तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी ने चुटकी लेते हुए कहा कि उनकी आज जो हालत है वह मैदान के बाहर रह कर खेलने वाले खिलाड़ी की है. अब वो मैदान के बाहर रहकर ही खेलेंगे. पार्थ के अनुसार कोई खिलाड़ी अगर प्रथम डिवीजन में खेलकर चौथे डिवीजन में खेलने के लिए मैदान के बाहर रह कर इंतजार करे तो कोई क्या कर सकता है. वो जाना चाहें तो जा सकते हैं.
इसके लिए वह स्वतंत्र हैं. यह उनका निजी मामला है . इससे तृममूल कांग्रेस की सेहत पर कोई असर पड़ने वाला नहीं है. उनके जाने से तृणमूल कांग्रेस में कोई परिवर्तन नहीं होगा. उन्होंने मुकुल पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कांचरापाड़ा का नेता, कांचरापाड़ा में ही रहेगा.
वो कहां रहेंगे, किस घर में रहेंगे यह वहीं जानते हैं. इससे हमलोगों को कुछ परवाह नहीं. वो जिस क्लब में जाना चाहें जा सकते हैं. इसके साथ ही मुकुल के भविष्य की योजना पर चटखरे लेते हुए उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी की तस्वीर रख कर बहुत लोग नेता बन जाते हैं. इस तरह के हीरो के पास से जब ममता बनर्जी की तस्वीर हट जायेगी तो उन्हें हीरो से जीरो बनते ज्यादा वक्त नहीं लगेगा.
मुकुल के करीबी पार्थ सारथी ने छोड़ा तृणमूल का साथ
कोलकाता. मुकुल राय के बाद उनके करीबी माने जाने वाले पार्थ सारथी पात्र उर्फ पानू ने भी तृणमूल कांग्रेस छोड़ने की घोषणा कर दी है. पार्थ सारथी उत्तर 24 परगना जिले के जगदल व नैहाटी ग्रामीण मत्स्य विभाग के कर्माध्यक्ष हैं. तृणमूल कांग्रेस की सदस्यता के साथ ही उन्होंने कर्माध्यक्ष पद से भी इस्तीफा देने का ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि 12 अक्तूबर को वह इस पद से भी इस्तीफा दे देंगे. तृणमूल कांग्रेस छोड़ कर वह भाजपा में शामिल होंगे या नहीं इस पर उन्होंने कहा कि यह सब उनके नेता मुकुल राय पर निर्भर है. वह जो कहेंगे, वही करेंगे. उधर, पार्थ सारथी के पार्टी छोड़ने पर नैहाटी के विधायक पार्थ भौमिक ने कहा कि इससे तृणमूल कांग्रेस को कोई नुकसान नहीं होगा. पार्टी विरोधी कार्य करने के लिए तृणमूल जिलाध्यक्ष ज्योतिप्रिय मल्लिक ने उन्हें क्षेत्रीय अध्यक्ष पद से हटा दिया था.