कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस के सांसद व वरिष्ठ नेता मुकुल राय को लेकर काफी दिनों से अटकलों का बाजार राजनीतिक हलके में गर्म है. पार्टी में जिस तरह उनका लगातार कद छोटा हो रहा है और पार्टी के साथ उनकी दूरी बढ़ रही है उसको देखते हुए यह चर्चा जोर पकड़ने लगी कि मुकुल राय अपनी अलग पार्टी बनायेंगे या फिर भाजपा में शामिल होंगे.
इस बाबत उनसे कई बार संपर्क करने की कोशिश की गयी, लेकिन वो बातचीत के लिए राजी नहीं हुए. इस बीच तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी ने नाम लिए वगैर पहली बार साफ लफ्जों में कहा कि पार्टी की तरफ से नजर रखी जा रही है कि कौन बार बार दिल्ली जा रहे हैं. अब उनको तय करना होगा कि वह लोग किस पिच पर खेलेंगे. पार्थ चटर्जी के इस बयान को मुकुल राय से जोड़ कर देखा जा रहा है.
उल्लेखनीय है कि खुद ममता बनर्जी ने कालीघाट में हुई कोर कमेटी की बैठक में साफ कर दिया था कि जो लोग भाजपा में जाना चाहते है उनके लिए दरवाजा खुला है. उस बैठक में मुकुल राय भी मौजूद थे.
इसके बाद से उनको पार्टी के सभी महत्वपूर्ण पदों से हटाने की कार्रवाई की गयी. दिल्ली में जिन संसदीय कमेटियों में मुकुल राय थे, वहां से भी उनको हटा दिया गया. कुल मिलाकर कभी तृणमूल कांग्रेस में ममता बनर्जी के बाद सेकेंड इन कमांड की जिम्मेवारी निभानेवाले मुकुल राय की मौजूदा स्थिति एक सामान्य सांसद के अलावा कुछ नहीं है.
इधर तृणमूल कांग्रेस के जानकारों की माने तो सारधा और नारदा घोटाले में मुकुल राय का नाम आने के बाद भाजपा के नेताओं से जिस तरह उनकी निकटता बढ़ी, उससे ममता बनर्जी बेहद खफा हैं. इस बीच मुकुल राय का दिल्ली दौरा और भाजपा नेताओं के साथ उनकी निकटता की बात को पार्टी काफी पैनी नजर से देख रही है.
खुद पार्थ चटर्जी ने साफ शब्दों में संकेत दिया कि पंचायत चुनाव में जो टीम बन रही है उसमें भी उनके लिए कोई जगह नहीं होगी. ऐसे में मुकुल राय क्या करेंगे इसको लेकर चर्चा तेज हो गयी है.
हालांकि बंगाल के राजनीति में चाणक्य माने जाने वाले मुकुल राय विश्वकर्मा पूजा के दिन खन्ना में बने अपने दफ्तर में गये और वो पूरी खामोशी से पंचायत चुनाव में बूथ स्तर पर अपनी रणनीति बनाने में लगे हैं.
तृणमूल से नाराज लोगों की सूची बना रहे मुकुल
मुकुल राय के करीबियों का कहना है कि दादा के पास जो बूथ स्तर की लिस्ट हैं, उसमें वो तीन तालिका बना रहे हैं. पहला लाल यानि तृणमूल कांग्रेस के कब्जे वाली सीट, उसके बाद ग्रीन जहां तृणमूल कांग्रेस हारी है और तीसरा हरा जो विरोधियों के कब्जे में है. वो तृणमूल कांग्रेस से नाराज चल रहे कार्यकर्ताओं की तालिका भी बना रहे हैं. उनकी इस गतिविधि को लेकर लोग अभी थाह नहीं लगा पा रहे हैं कि आखिर मुकुल दा क्या करेंगे. खुद की पार्टी बनायेंगे या फिर भाजपा में जायेंगे, लेकिन तृणमूल कांग्रेस ने पार्थ चटर्जी के मार्फत अपना रुख साफ कर दिया है.
ममता को न राम मिले, न ही रहीम : देवश्री