कोलकाता : माकपा कभी धार्मिक उत्सवों में हिस्सा लेने के खिलाफ रहती थी, लेकिन पार्टी अब लोगों तक पहुंचने और पश्चिम बंगाल की राजनीति में अपने घटते जनाधार को फिर से मजबूत करने के लिए सामाजिक पर्व दुर्गा पूजा का सहारा ले रही है.
राज्य में सत्तारुढ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और भाजपा से मुकाबला कर पाने में मुश्किलों का सामना कर रही माकपा ने अपने विधायकों को दुर्गा पूजा के उद्घाटन कार्यक्रमों में हिस्सा लेने की अनुमति दे दी है. माकपा राज्य सचिवालय के एक वरिष्ठ सदस्य ने कहा, हम ज्यादा दिन तक त्योहारों और सामाजिक कार्यक्रमों में दूर नहीं रह सकते. भले ही हम धर्म में विश्वास न करते हों लेकिन त्योहारों और सामाजिक कार्यक्रमों में भाग लेने में कोई बुराई नहीं है.
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उन्होंने कहा कि पार्टी के इस रवैये में बदलाव भाजपा और टीएमसी द्वारा अपनायी जा रही जा रही प्रतिस्पर्धी सांप्रदायिकता के मद्देनजर आया है. अगर आपको उनसे लडना है तो आपको इन त्योहारों में हिस्सा लेना होगा क्योंकि हमारा संदेश सभी तक पहुंचाने के लिए यह सबसे अच्छा मौका होता है. दुर्गा पूजा में कई दशकों तक माकपा की हिस्सेदारी पूजा पंडाल के बाहर स्टॉल लगाकर वामपंथी साहित्य बेचने तक ही सीमित रही. लेकिन इस बार, दमदम विधानसभा क्षेत्र की सीट से पार्टी विधायक तन्मय भट्टाचार्य अपने चुनाव क्षेत्र में होने वाले चार दुर्गा पूजा उद्घाटनों में हिस्सा लेंगे.
एक अन्य विधायक मानस मुखर्जी भी अगले हफ्ते अपने चुनाव क्षेत्र में कई पूजाओं का उद्घाटन करेंगे. भट्टाचार्य ने कहा कि दुर्गा पूजा बंगाल में धार्मिक पर्व की बजाए सामाजिक उत्सव के रुप में बदल गयी है और ऐसे उत्सवों से दूर रहना बेवकूफी होगा जो जनसमूह से जुडने के लिए एक मंच साबित हो सकते हैं. उन्होंने कहा, मैं निजी तौर पर धर्म में यकीन नहीं रखता हूं, लेकिन एक जनप्रतिनिधि होने के चलते मैं ऐसे सामाजिक त्योहारों से कैसे दूर रह सकता हूं. मुखर्जी ने भी भट्टाचार्य के इन विचारों पर सहमति जतायी.