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एक वर्ष बीते गये, जांच है कि खत्म ही नहीं होती

कोलकाता. प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय में पिछले साल 10 अप्रैल को हुई तोड़फोड़ और मारपीट हुई थी, लेकिन एक साल बीत जाने के बावजूद मामले जांच चल ही रही है. यहां तक हिंसा के समय जो तसवीरें सामने आयी थीं, उसमें तृणमूल कांग्रेस के पार्षद पार्थ बसु समेत कुछ अन्य पार्टी कार्यकर्ता कॉलेज के सामने नजर आये […]

कोलकाता. प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय में पिछले साल 10 अप्रैल को हुई तोड़फोड़ और मारपीट हुई थी, लेकिन एक साल बीत जाने के बावजूद मामले जांच चल ही रही है. यहां तक हिंसा के समय जो तसवीरें सामने आयी थीं, उसमें तृणमूल कांग्रेस के पार्षद पार्थ बसु समेत कुछ अन्य पार्टी कार्यकर्ता कॉलेज के सामने नजर आये थे. बताया गया था कि जो लोग उस विरोध जुलूस में भाग लिये थे, वे जबरदस्ती संस्थान में घुस गये थे.

मालूम हो कि इस मामले को लेकर राज्यपाल एमके नारायण ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की थी, और कहा था कि जो भी इस घटना के लिए जिम्मेदार हो, उसे सख्त सजा दी जायेगी. उन्होंने छात्रों से माफी भी मांगी थी. हालांकि तोड़फोड़ के अगले दिन ही पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग ने समिति गठित की थी.

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