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असुविधा: परेशान रहे मरीज, अस्पतालों के रवैये से मुख्यमंत्री नाराज, निजी अस्पतालों में बंद रहे आउटडोर
कोलकाता : सुरक्षा की मांग पर शनिवार को महानगर के तमाम बड़े निजी अस्पतालों के आउटडोर विभाग बंद थे. इस कारण मरीजों को परेशानी का समाना करना पड़ा. हालांकि, आपातकालीन सेवा, इंडोर विभाग व ऑपरेशन थिएटर को खुला रखा गया था. कब तक आउटडोर विभाग बंद रहेगा, यह स्पष्ट नहीं किया गया है. अस्पतालों के […]
कोलकाता : सुरक्षा की मांग पर शनिवार को महानगर के तमाम बड़े निजी अस्पतालों के आउटडोर विभाग बंद थे. इस कारण मरीजों को परेशानी का समाना करना पड़ा. हालांकि, आपातकालीन सेवा, इंडोर विभाग व ऑपरेशन थिएटर को खुला रखा गया था. कब तक आउटडोर विभाग बंद रहेगा, यह स्पष्ट नहीं किया गया है. अस्पतालों के इस रवैये से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बेहद नाराज हैं. इस पर निगरानी रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग को सख्त निर्देश दिया है. विभाग ने भी एतराज जताया है.
बता दें कि गुरुवार को सीएमआरआइ अस्पताल में एक मरीज को छुट्टी दिये जाने के दौरान कुछ स्थानीय लोगों ने हंगामा किया.
आरोप है कि इलाज पर एक लाख 60 हजार रुपये खर्च हुए, लेकिन अस्पताल में मात्र 10 हजार रुपये जमा कराये गये. साथ ही अस्पताल कर्मियों एवं चिकित्सकों को जान से मारने की धमकी दी गयी. अस्पताल की ओर से हंगामा करनेवालों के खिलाफ थाना में शिकायत दर्ज करायी गयी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग पर शुक्रवार से यहां के चिकित्सक आउटडोर बंद कर विरोध जता रहे हैं. शनिवार को भी आउटडोर सेवा बंद रखी गयी.
प्रदर्शन का कोठारी अस्पताल व चिकित्सक संगठन ने किया समर्थन
सीएमआरआइ के चिकित्सकों का कोठारी मेडिकल एवं यूनाइटेड डॉक्टर्स वाइज ऑफ बंगाल (यूडीवीओबी) ने समर्थन किया है. आठ चिकित्सक संगठनों द्वारा यूडीवीओबी का गठन किया गया है. इस संगठन के आह्वान पर महानगर व इसके आसपास स्थित अस्पतालों में शनिवार को आउटडोर बंद रखे गये. संगठन का दवा है कि शनिवार को करीब 52 निजी अस्पतालों में आउटडोर बंद थे. इनमें बीएम बिड़ला, बेलव्यू क्लिनिक, मेडिका सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, रवींद्र नाथ टैगोर इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डिक साइंसेस की सभी शाखाएं तथा कोठारी मेडिकल आदि शामिल हैं.
इन अस्पतालों में खुले रहे आउटडोर : शनिवार को कुछ अस्पतालों ने आउटडोर विभाग खुला रखा, लेकिन अधिकतर के आउटडोर में चिकित्सकों की अनुपस्थिति के कारण मरीजों को वापस लौटना पड़ा. अपोलो ग्लेनिग्लस, एएमआरआइस रूबी जनरल हॉस्पिटल, सुश्रुत आई हॉस्पिटल, पियरलेस हॉस्पिटल तथा भगीरथ नेवटिया में आउटडोर सेवा चालू थी.
18 सितंबर तक जारी रहेगा आंदोलन : यूनाइटेड डॉक्टर्स वाइज ऑफ बंगाल के अनुसार चिकित्सक व अस्पतालों में तोड़फोड़ के विरोध में तथा सरकार का ध्यान खींचने के लिए 18 सितंबर तक चिकित्सकों का यह आंदोलन जारी रहेगा. एक सितंबर को डॉ बीसी राय अावास के पास सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक धरना-प्रदर्शन किया जायेगा.
प्रबंधकों का कहना है
अस्पताल में चिकित्सा कार्य जारी रखने के लिए हमें भयमुक्त वातावरण चाहिए. चिकित्सकों के आंदोलन के दौरान अस्पताल के इमरजेंसी विभाग सह अन्य जरूरी परिसेवा को बहाल रखा गया है.
उत्तम बोस, सीइओ, सीके बिरला हॉस्पिटल.
चिकित्सकों की सुरक्षा की मांग पर शनिवार को आउटडोर विभाग बंद रखे गये थे. लेकिन ओटी व इमरजेंसी विभाग चालू थे.
आर वैंकटेश, रिजनल निदेशक (ईस्ट) नारायण हेल्थ.
अस्पतालों से मांगा जायेगा विवरण
चिकित्सीय व्यवस्था ठप करना सही नहीं. निजी अस्पतालों का यह कदम निंदनीय है. उनके इस कदम से काफी लोग परेशान हुए. क्लिनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट को नजरअन्दाज कर यह किया गया है. ऐसे अस्पतालों से विवरण मांगा जायेगा.
प्रो. डॉ विश्व रंजन सतपथि, स्वास्थ्य सेवा निदेशक (स्वास्थ्य विभाग)
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