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ब्लू व्हेल का मुकाबला करेगा पिंक व्हेल
।।अजय विद्यार्थी।। कोलकाता: ‘सेव स्टूटेंड्स, सेव इंडिया’ के उद्देश्य को लेकर काम कर रहा गैर सरकारी संगठन ‘सर्व’ ने ऑनलाइन चैलेजिंग गेम ‘ब्लू व्हेल’ के शिकार हो रहे छात्रों को बचाने, उनमें जागरूकता पैदा करने और उनमें पोजिटिव विचारों के संप्रेषण के लिए ‘पिंक व्हेल’ अभियान चलायेगा. समाज के वर्ग के लोगों का फोरम गठित […]
।।अजय विद्यार्थी।।
कोलकाता: ‘सेव स्टूटेंड्स, सेव इंडिया’ के उद्देश्य को लेकर काम कर रहा गैर सरकारी संगठन ‘सर्व’ ने ऑनलाइन चैलेजिंग गेम ‘ब्लू व्हेल’ के शिकार हो रहे छात्रों को बचाने, उनमें जागरूकता पैदा करने और उनमें पोजिटिव विचारों के संप्रेषण के लिए ‘पिंक व्हेल’ अभियान चलायेगा. समाज के वर्ग के लोगों का फोरम गठित कर महानगर के विभिन्न स्कूलों में कार्यशाला आयोजित की जायेगी और शिक्षकों, अभिभावकों व छात्रों में जागरूकता पैदा की जायेगी. उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल सहित अन्य राज्यों में ब्लू व्हेल गेम से बच्चों द्वारा आत्महत्या करने व खुद को घायल करने की घटनाएं सामने आयी हैं.
क्यों बच्चे हो रहे हैं ब्लू व्हेल का शिकार : श्री कार्थे बताते हैं कि देश में बड़ी संख्या में बच्चे दोहरी जिंदगी जीते हैं. स्कूल की जिंदगी और घर की जिंदगी. स्कूल की जिंदगी पढ़ाई, खेल-कूद और मस्ती की जिंदगी होती है, लेकिन कई के घर की जिंदगी तनाव भरा होता और वे अभिभावकों की उदासीनता के शिकार होते हैं. ऐसे बच्चे ब्लू व्हेल जैसे गेम का शिकार होते हैं. ब्लू व्हेल का शिकार कोई गरीब बच्चा नहीं हो रहा है, बल्कि वैसे बच्चे हो रहे हैं, जिनकी आर्थिक स्थिति अच्छी है और उनके पास स्मार्टफोन हैं. बच्चा स्मार्टफोन में व्यस्त रहता है और उनके अभिभावकों का उनकेे प्रति ध्यान नहीं रहता है. मम्मी और पापा ऑफिस में व्यस्त रहते हैं और बच्चों पर उनका पूरा ध्यान नहीं होता है. बच्चों से उनका संपर्क ‘ऑफिसियल’ हो जाता है और आंतरिकता का अभाव रहता है. बच्चे अपने अभिभावकों से अपनी निजी बातें और ‘एक्साइटमेंट’ को नहीं बांटते हैं, क्योंकि अगर अभिभावक से संपर्क अच्छा रहता है, तो ब्लू व्हेल का मैसेज मिलने के बाद ही वह अपने अभिभावकों को बताता.
खेलने-कूदनेवाला बच्चा गुमसुम हो जाये, तो है खतरा : श्री कार्थे बताते हैं सदा ही खेलने-कूदनेवाला बच्चा या किशोर गुमसुम हो जाये, तो समझ जायें कि कुछ गड़बड़ है. कहीं न कहीं कोई नाकारात्मक विचार उसे परेशान कर रहा है. ऐसी स्थिति में जरूरी है कि अपने बच्चे के मोबाइल फोन और उनकी गतिविधियों पर नजर रखें. अगर संभव हो, तो उसके मोबाइल को अपने मोबाइल से एप के माध्यम से जोड़ लें, ताकि उसकी गतिविधियों की जानकारी आपको मिलती रहे, लेकिन वर्तमान पीढ़ी के साथ शायद यह संभव नहीं हो, क्योंकि कई बार बच्चे को अपने अभिभावक को मोबाइल की विभिन्न विशेषताओं से परिचित कराते देखा गया है. ऐसी स्थिति में बच्चा मोबाइल पर कुछ और ही कर रहा होता है और अभिभावकों को कुछ और बताता है. ऐसे में वर्तमान तकनीक के प्रति जागरूक व अभिज्ञ रहने की जरूरत है.
पिंक व्हेल कोई गेम नहीं, होगा फोरम : ब्रेंडन मैक कार्थे
सर्व को सीइओ, मनोविद व शिक्षाविद ब्रेंडन मैक कार्थे ने प्रभात खबर से बातचीत करते हुए कहा कि ब्लू व्हेल ऑनलाइन गेम खेलते हुए बच्चों द्वारा आत्महत्या करने व खुद को घायल करने की घटना बहुत ही चिंताजनक है. शिक्षाविद व मनोविद होने के कारण उन्हें ये घटनाएं और भी परेशान कर रही हैं. विभिन्न वर्गों के लोगों से उन्होंने ब्लू व्हेल से मुकाबले के लिए विचार मांगे थे. उनके इ-मेल में सैकड़ों सुझाव आये हैं. उनमें कई सुझाव काफी सकारात्मक हैं और वे लोग उन्हें लेकर काम करेंगे. ब्लू व्हेल का मुकाबला ‘पिंक व्हेल’ से करने का सुझाव मिला है, लेकिन ‘पिंक व्हेल’ कोई ऑनलाइन गेम नहीं होगा, बल्कि यह एक ऐसा फोरम होगा, जो बच्चों, अभिभावकों व शिक्षकों को वर्तमान परिस्थितियों से मुकाबले के लिए जागरूक करेगा.
सितंबर माह में होगी दो दिवसीय कार्यशाला
श्री कार्थे ने बताया कि सितंबर माह में सेंट जोसेफ कॉलेज में दो दिवसीय कार्यशाला आयोजित होगी. इस कार्यशाला में विभिन्न स्कूलों के शिक्षकों व छात्रों को आमंत्रित किया जायेगा. उन्हें नैतिक शिक्षा दी जायेगी और ब्लू व्हेल की चुनौतियों से अवगत कराया जायेगा. कार्यशाला में इन चुनौतियों के मुकाबले के गुर भी सिखाये जायेंगे.
बच्चों को पोजिटिव गतिविधियों में शामिल करें : तुलसीदास
सामाजिक कार्यकर्ता पूर्णिमा एल तुलसीदास ने कहा कि ब्लू व्हेल के कारण होनेवालीं घटनाओं ने उन्हें चिंतित कर दिया है. अब समय आ गया है कि बच्चों को गेम की दुनिया से बाहर निकालना होगा और उन्हें खेल व सकारात्मक कार्य से जोड़ना होगा. उन्हें पोजिटिव संदेश देने होंगे. बड़ी-बड़ी हस्तियों जैसे सौरभ गांगुली, सचिन तेंडुलकर, शाहरुख खान के माध्यम से उन्हें जीवन में सकारात्मक व नैतिकतापूर्ण साहसिक कार्य करने की प्रेरणा देनी होगी. ऐसे साहसिक कार्य की प्रेरणा देनी होगी, जिससे किसी का नुकसान नहीं हो और उनकी उपलब्धियों पर विश्व व समाज गर्व करे.
ब्लू व्हेल गेम खेलने के आरोप में छात्र हिरासत में
खड़गपुर. गड़बेता थाना अंतर्गत कुमारडूबी गांव में ब्लू व्हेल गेम खेलने के आरोप में पुलिस ने एक छात्र को हिरासत में लिया है और उससे पूछताछ की जा रही है. स्थानीय व पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आरोपी गड़बेता हाइस्कूल में कक्षा ग्यारहवीं का छात्र है. वह कुछ दिनों से ट्यूशन नहीं जा रहा था. दोस्तों के पूछने पर उसने ब्लू व्हेल गेम खेलने की बात बतायी. उसका हाथ में पी. 57 भी लिखा हुआ पाया गया. जानकारी मिलते ही पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया. गौरतलब है कि ब्लू व्हेल गेम के चक्कर में केशपुर के आनंदपुर में एक छात्र की रहस्यमय मौत हो चुकी है, जबकि खड़गपुर के एक निजी स्कूल के तीन छात्र इस गेम को खेलने के आरोप में सस्पेंड हो चुके हैं.
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