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मोटरवैन चालकों की मांगों को लेकर रैली

कोलकाता. मोटरवैन चालकों को सरकारी लाइसेंस प्रदान किये जाने, चालकों पर पुलिस जुल्म बंद करने, सामाजिक सुरक्षा निश्चित करने समेत सात सूत्री मांगों को लेकर एआइयूटीयूसी समर्थित सारा बांग्ला मोटरवैन चालक यूनियन की ओर से महानगर में रैली निकाली गयी. रैली राजा सुबोध मल्लिक स्क्वायर ने निकाली गयी, जो रानी रासमणि एवेन्यू के पास समाप्त […]

कोलकाता. मोटरवैन चालकों को सरकारी लाइसेंस प्रदान किये जाने, चालकों पर पुलिस जुल्म बंद करने, सामाजिक सुरक्षा निश्चित करने समेत सात सूत्री मांगों को लेकर एआइयूटीयूसी समर्थित सारा बांग्ला मोटरवैन चालक यूनियन की ओर से महानगर में रैली निकाली गयी. रैली राजा सुबोध मल्लिक स्क्वायर ने निकाली गयी, जो रानी रासमणि एवेन्यू के पास समाप्त हुई. वहीं संगठन की ओर से सभा की गयी, जिसमें काफी संख्या में मोटरवैन चालक मौजूद रहे.
सभा चलने के दौरान संगठन के एक प्रतिनिधिमंडल की ओर से मोटरवैन चालकों की मांगों से संबंधित ज्ञापन परिवहन और श्रम विभाग के अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा गया. सभा की अध्यक्षता संगठन के प्रदेश अध्यक्ष सुजीत भट्टशाली ने किया, जबकि प्रधान वक्ता के तौर पर एआइयूटीयूसी के राज्य सचिव दिलीप भट्टाचार्य मौजूद रहे. संगठन के राज्य सचिव अशोक दास, जेमिनी बर्मन, तपन मुखर्जी, जयंत साहा, तपन दास सहित अन्य नेताओं ने भी अपना वक्तव्य रखा.
दिलीप भट्टाचार्य ने आरोप लगाया है कि केंद्र व राज्य सरकार की नीतियों की वजह से औद्योगिक विकास थम सा गया है. कई कल-कारखाने बंद हो गये हैं. बेरोजगारों की संख्या बढ़ रही है. राज्य में करीब तीन लाख लोग मोटरवैन चलाकर परिवार का गुजर बसर चला रहे हैं. यानी लाखों लोगों की जीविका का साधन मोटरवैन है.

राज्य सरकार को अविलंब मोटरवैन चालकों को लाइसेंस की व्यवस्था करनी चाहिए. साथ ही उनके सामाजिक सुरक्षा निश्चित भी करना अहम है. गत 23 जुलाई को सारा बांग्ला मोटरवैन चालक यूनियन के राज्य सचिव अशोक दास के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल परिवहन मंत्री शुभेंदु अधिकारी से मिला था. कथित तौर पर मंत्री ने कहा था कि राज्य के तमाम मोटरवैन चालकों को अस्थायी परिचय नंबर (टीआइएन) दिया जायेगा. लेकिन अभी तक मोटरवैन चालकों को अस्थायी परिचय नंबर नहीं दिया गया है. संगठन के प्रदेश अध्यक्ष सुजीत भट्टशाली ने कहा है कि यदि सरकार मोटरवैन चालकों की मांगों पर ध्यान नहीं देगी तो संगठन लगातार और व्यापक आंदोलन को मजबूर होगी.

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