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दार्जिलिंग के मोटर स्टैंड में धमाका: धमाकों से थर्राया पहाड़, तीन घायल

दार्जिलिंग. अलग गोरखालैंड राज्य को लेकर पहाड़ पर चल रहे बेमियादी बंद के बीच बीते 24 घंटों में पहाड़ पर दो जोरदार धमाके हुए. पहली घटना शुक्रवार आधी रात को दार्जिलिंग के मोटर स्टैंड में हुई. इसमें कोई हताहत तो नहीं हुआ, पर कई दुकानों को नुकसान पहुंचा. वहीं शनिवार रात करीब 10.30 बजे कालिम्पोंग […]

दार्जिलिंग. अलग गोरखालैंड राज्य को लेकर पहाड़ पर चल रहे बेमियादी बंद के बीच बीते 24 घंटों में पहाड़ पर दो जोरदार धमाके हुए. पहली घटना शुक्रवार आधी रात को दार्जिलिंग के मोटर स्टैंड में हुई. इसमें कोई हताहत तो नहीं हुआ, पर कई दुकानों को नुकसान पहुंचा. वहीं शनिवार रात करीब 10.30 बजे कालिम्पोंग में थाने के सामने ही धमाका हुआ. इसमें तीन सुरक्षाकर्मी घायल हुए. घायलों में एक पुलिस कर्मी, एक सिविक वॉलेंटियर और एक अर्द्धसैनिक बल का जवान है.

घायलों को इलाज के लिए सिलीगुड़ी लाया जा रहा है. पुलिस सूत्रों के अनुसार, हमलावर कालिम्पोंग थाने को निशाना बना चाह रहे थे. लेकिन ग्रेनेड निशाने से चूक गया.उधर, इस घटना से राज्य सरकार की चिंता बढ़ गयी है. सरकार ने इस घटना को काफी गंभीरता से लिया है. राज्य सचिवालय नवान्न में पुलिस महानिदेशक सुरजीत कर पुरकायस्थ ने एक उच्चस्तरीय बैठक की. माना जा रहा है कि राज्य सरकार इस घटना की सीआइडी से जांच करवा सकती है. इस बीच गोजमुमो ने घटना की निंदा की है और कहा है कि आंदोलन को बदनाम करने के लिए साजिश के तहत इस घटना को अंजाम दिया गया है. भाजपा ने उच्चस्तरीय जांच की मांग की है.

शुक्रवार रात को दार्जिलिंग शहर के बीचोबीच मोटर स्टैंड में धमाका हुआ. धमाका इतना जबरदस्त था कि मोटर स्टैंड के आसपास की 20-25 दुकानों को नुकसान हुआ है और कई जगह गड्ढे बने गये हैं. पुलिस ने इस संबंध में गोरखा जन मुक्ति मोरचा (गोजमुमो) के प्रमुख विमल गुरूंग, युवा मोर्चा के प्रमुख प्रकाश गुरूंग, प्रवीण सुब्बा समेत पांच मोर्चा नेताओं के खिलाफ एफआइआर दर्ज की है.
इस संबंध में दार्जिलिंग के पुलिस अधीक्षक अखिलेश चतुर्वेदी ने पत्रकारों को बताया कि रात करीब 12.05 बजे धमाके की आवाज सुनी गयी. इसके बाद तुरंत पुलिस टीम घटनास्थल पर पहुंची. धमाका होने से दुकानों के शटर क्षतिग्रस्त हो गये और उनमें लगे शीशों के टुकड़े हो गये. उन्होंने कहा कि घटना के बाद से इलाके में तनाव और सनसनी है. कानून-व्यवस्था बनाये रखने के लिए पुलिस ने चौकसी बढ़ा दी है.
उन्होंने कहा कि हो सकता है कि यह धमाका पुलिस को लक्ष्य कर किया गया हो. उन्होंने यह भी कहा कि एक महीने पहले पुल बाजार थाना अंतर्गत नेजी एनएचपीसी जल विद्युत केन्द्र से जिलेटिन स्टिक की चोरी हुई थी.
उस चोरी कांड से भी इस धमाके के तार जुड़े हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि धमाके की जांच के लिए फॉरेंसी टीम बुलायी गयी है.
इधर, शुक्रवार रात को ही लेबुंग के गोजमुमो कार्यालय में आग लगा दी गयी. इसी तरह से बदमताम के फॉरेस्ट गेस्ट हाउस और कार्यालय को भी आग लगाये जाने की खबर है.

नवान्न में उच्चस्तरीय बैठक हुई
विस्फोट की घटना को सरकार ने गंभीरता से लिया है. शनिवार को राज्य सचिवालय में पुलिस महानिदेशक सुरजीत कर पुरकायस्थ ने एक उच्चस्तरीय बैठक की. बैठक में एडीजी सीआइडी एवं एडीजी कानून व्यवस्था समेत कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारी शामिल हुए थे. बैठक में विस्फोट एवं उसकी जांच के तमाम पहलुआें पर विचार-विमर्श किया गया. यह भी माना जा रहा है कि राज्य सरकार इस घटना की जांच सीआइडी को सौंपने पर विचार कर रही है.
गोजमुमो ने निष्पक्ष जांच की मांग की
दूसरी ओर इस बम धमाके की घटना की तीव्र निंदा करते हुए गोजमुमो ने इसकी जांच एनआइए जांच कराने की मांग की है. शनिवार को एक प्रेस बयान जारी कर विमल गुरूंग ने आरोप लगाया है कि बम धमाके की घटना वैसे तत्वों का काम है जो गोरखालैंड राज्य के विरोधी हैं. यह आंदोलन को बदनाम करने की साजिश है. उन्होंने कहा कि दार्जिलिंग शहर को भारी सुरक्षा बलों के किले के रूप में तब्दील कर दिया गया है. यह घटना सदर थाने से दो सौ मीटर और जिला एसपी के कार्यालय से एक सौ मीटर की दूरी पर घटी है. ऐसा भले कैसे संभव है. उन्होंने इस घटना की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए उसके निष्कर्ष को जल्द से जल्द सार्वजनिक करने की मांग की. मोर्चा के केंद्रीय सह सचिव विनय तामंग ने भी कहा है कि बम ब्लास्ट गोरखालैंड राज्य के आंदोलन को बदनाम करने की सुनियोजित साजिश है. उन्होंने कहा है कि मोर्चा के केंद्रीय नेतृत्व को बदनाम करने के लिये इस घटना को अंजाम दिया गया है. साथ ही ब्लास्ट के लिए दोषी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किये जाने की उन्होंने मांग की. उन्होंने कहा, गोजमुमो शुरु से गोरखालैंड राज्य का आंदोलन शांतिपूर्ण व लोकतांत्रिक तरीके से कर रहा है. इसके लिए पार्टी नेतृत्व वचनबद्ध है.
हम किसी भी तरह के अलोकतांत्रिक तरीके का समर्थन नहीं करते. उन्होंने पहाड़ की जनता को इस तरह की घटनाओं से भ्रमित नहीं होने और शांति-व्यवस्था कायम रखने में सहयोग करने की अपील की. साथ ही उन्होंने पुलिस प्रशासन से भी पहाड़ में शांति-व्यवस्था कायम रखने के लिये कदम उठाने की अपील की है.
राज्य सरकार जांच कराये: भाजपा
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि दार्जिलिंग की हालत बेहद गंभीर है. दिनोंदिन स्थिति हाथ से बाहर जा रही है. हालात पर किसी का नियंत्रण नहीं रह गया है. अब ना तो मोर्चा के हाथों में आंदोलन की कमान है और ना ही आंदोलन पर राज्य सरकार का नियंत्रण है. धमाके से लोग दहशत में हैं. खुद मुख्यमंत्री ने कहा है कि दार्जिलिंग मामले में विदेशी हाथ है. अगर बात ऐसी है तो वो बयानबाजी करने की बजाय इसकी जांच करें.
सिलीगुड़ी में भी चौकस हुई पुलिस
दार्जिलिंग में बम विस्फोट की घटना के बाद सिलीगुड़ी में भी पुलिस चौकस हो गयी है.सिलीगुड़ी में विभिन्न स्थानों पर नाका चेकिंग शुरू कर दी गयी है. खासकर पहाड़ से सिलीगुड़ी की ओर आने वाली सड़कों पर पुलिस कड़ी चौकसी बरत रही है. हर एक वाहनों की तलाशी ली जा रही है.पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शहरी इलाके में भी विभिन्न वाहनों की चेकिंग की जा रही है. इसके साथ ही बागडोगरा,माटीगाड़ा,नक्सलबाड़ी आदि इलाके में भी कड़ी चौकसी बरती जा रही है.

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