कोलकाता: मोचीपाड़ा थाना इलाके से गायब हुआ एक बच्चा करीब आठ वर्षों बाद बिहार के वैशाली से मिला. पुलिस के अनुसार जादव मंडल की उम्र जब आठ वर्ष थी, तब उसके अपहरण की शिकायत मोचीपाड़ा थाने में दर्ज करायी गयी थी. जब उसकी उम्र 16 वर्ष हुई, तब जाकर उसका पता चल पाया. जादव को बिहार से महानगर ले आनेे के साथ उसे उसके परिजनों को सौंप दिया गया है.
क्या है मामला : वर्ष 2009 के 22 अक्तूबर को तिलजला इलाके की रहनेवाली कल्पना मंडल नाम की महिला ने मोचीपाड़ा थाने में अपने बेटे के अपहरण कर लिये जाने की शिकायत दर्ज करायी थी. शिकायत में अंदेशा जताया गया था कि स्कूल से लौटने के दौरान एनआरएस अस्पताल के निकट उसका अपहरण किया गया होगा.
संदेह के आधार पर सुरिंदर राय और उसके भाई सिकंदर राय के खिलाफ भी शिकायत की गयी थी. सुरिंदर को पीड़ित परिवार वर्ष 2005 से जानता था. किसी बात को लेकर उनमें अनबन चल रही थी. जांच के दौरान भारतीय दंड विधान की धारा 366ए और 120बी के तहत सुरिंदर और सिकंदर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. सुरिंदर की गिरफ्तारी वर्ष 2009 के 22 अक्तूबर और सिकंदर की गिरफ्तारी उसी वर्ष 30 अक्तूबर को हुई. बच्चे की तलाश में बिहार के वैशाली स्थित सुरिंदर के घर पर भी छापेमारी की गयी, लेकिन इसका फायदा नहीं हुआ.
हालांकि बच्चे की तलाश पुलिस ने कई वर्षों बाद भी जारी रखी
कई वर्षों के प्रयास के बाद मोचीपाड़ा थाना और कोलकाता पुलिस के सेंट्रल डिवीजन मॉनिटरिंग सेल को बच्चे का पता बिहार के वैशाली में ही चला. पुलिस की टीम तुरंत वैशाली पहुंची और आठ अगस्त को जादव को ढूंढ़ लिया गया.