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विधानसभा: डीवीसी पर फिर बिफरीं ममता, मैन मेड बाढ़ करार दिया, कहा पानी छोड़ने से आयी बाढ़, 42 मारे गये

कोलकाता: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में बाढ़ को ‘ मैन मेड’ बाढ़ करार देते हुए कहा कि दमोदर वैली कॉरपोरेशन (डीवीसी) द्वारा 249500 क्यूसेक पानी छोड़े जाने व अत्यधिक बारिश के कारण बंगाल के विभिन्न जिलों में बाढ़ की स्थिति पैदा हुई और 42 लोगों की प्राण हानि हुुई. सुश्री बनर्जी ने मंगलवार […]

कोलकाता: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में बाढ़ को ‘ मैन मेड’ बाढ़ करार देते हुए कहा कि दमोदर वैली कॉरपोरेशन (डीवीसी) द्वारा 249500 क्यूसेक पानी छोड़े जाने व अत्यधिक बारिश के कारण बंगाल के विभिन्न जिलों में बाढ़ की स्थिति पैदा हुई और 42 लोगों की प्राण हानि हुुई. सुश्री बनर्जी ने मंगलवार को विधानसभा में बाढ़ पर वक्तव्य देते हुए कहा कि इस वर्ष दक्षिण बंगाल के जिलों में 50 फीसदी से बारिश हुई है. 23 से 29 जुलाई तक पश्चिम बंगाल व झारखंड के गांगेय इलाके में निम्न दवाब के कारण काफी बारिश हुई थी.
24 जुलाई को डीवीसी के दुर्गापुर बैरेज द्वारा 2,49,500 क्यूसेक पानी छोड़ा गया. इससे पश्चिम मेदनीपुर, हावड़ा, हुगली, बांकुड़ा व पूर्व मेदिनीपुर के कई इलाके में बाढ़ का पानी भर गया. ममता बनर्जी ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री व बिजली मंत्री को पूरी स्थिति से अवगत कराया है. डीवीसी में तटछट जमा हो गया है. इस कारण वहां ज्यादा पानी नहीं रखा जा सकता है. डीवीसी की ड्रेजिंग बहुत ही जरूरी है. डीवीसी की ड्रेजिंग के बिना इस समस्या का समाधान नहीं हो सकता है.
सुश्री बनर्जी ने कहा कि बारिश हुई है लेकिन डीवीसी के पानी छोड़े जाने से स्थिति खराब हो गयी. इस वजह से 4.22 लाख हेक्टेयर जलमग्न है. बंगाल में गंगा के मैदानी क्षेत्र में बाढ़ की समस्या मानव निर्मित घटना बनती जा रही है.
उन्होंने कहा कि इस साल बाढ़ से 1.67 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं. इन लोगों ने अभी राहत शिविरों में पनाह ले रखी है और सरकार प्रभावितों को पर्याप्त राहत सामग्री मुहैया करा रही है. उन्होंने कहा कि डीवीसी बांधों से 1978 में जितना पानी छोड़ा गया था, उससे ज्यादा पानी छोड़ा गया. उस समय राज्य में अप्रत्याशित बाढ़ आ गयी थी.
सरकार का आंकड़ा
प्रभावितों की संख्या : 27 लाख, 17 हजार 517
मौत : 42
पशु धन हानि : 590
मृत पशुओं की कुल कीमत : 2 लाख 80 हजार
प्रभावित कृषि जमीन: 4 लाख 22 हजार 752
प्रभावित फसल की अनुमानित कीमत : 2533 करोड़ रुपये
पूर्ण क्षतिग्रस्त घर: 14,762
आंशिक क्षतिग्रस्त घर : 98,550
क्षतिग्रस्त संपत्ति का आंकलन : 3 करोड़
राहत शिविरों की संख्या : 454
राहत शिविर में रहनेवालों की संख्या : 1,06,704

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