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अधिकारियों के सामने लूट रहे वक्फ संपत्ति : इरफान
कोलकाता: पश्चिम बंगाल देश के उन चंद गिने-चुने राज्यों में से एक है, जहां अरबों रुपये की कीमत की वक्फ की हजारों संपत्ति है. विशेषज्ञों का कहना है कि अगर इन वक्फ संपत्तियों का सही से प्रबंधन किया जाये, उससे होनेवाली आमदनी राज्य की मुसलिम आबादी की तसवीर बदल सकती है. पर प्रबंधन की बात […]
कोलकाता: पश्चिम बंगाल देश के उन चंद गिने-चुने राज्यों में से एक है, जहां अरबों रुपये की कीमत की वक्फ की हजारों संपत्ति है. विशेषज्ञों का कहना है कि अगर इन वक्फ संपत्तियों का सही से प्रबंधन किया जाये, उससे होनेवाली आमदनी राज्य की मुसलिम आबादी की तसवीर बदल सकती है. पर प्रबंधन की बात तो दूर, वक्फ संपत्तियों के संरक्षण की भी कोई कोशिश नहीं की गयी. इसका परिणाम है कि दशकों से राज्य में वक्फ संपत्तियों की लूट का सिलसिला जारी है. पश्चिम बंगाल में वक्फ संपत्तियों की लूट की लगातार मिल रही शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए सेंट्रल वक्फ कौंसिल ने एक प्रतिनिधिमंडल को राज्य के दौरे पर भेजा.
प्रतिनिधिदल में शामिल सेंट्रल वक्फ कौंसिल के सदस्य मोहम्मद इरफान अहमद ने बताया कि पश्चिम बंगाल वक्फ बोर्ड के खिलाफ शिकायतों की भरमार है. यह देश का सबसे कमजोर प्रबंधनवाला वक्फ बोर्ड है. जहां चेयरमैन से लेकर कर्मचारी तक कोई भी अपने काम के प्रति गंभीर नहीं है.
उनकी नजरों के सामने वक्फ संपत्ति की लूट हो रही है आैर उन्हें इसकी कोई फिक्र नहीं है. जो यह दर्शाता है कि वक्फ संपत्तियों की लूट-खसोट में वक्फ बोर्ड के अधिकारी व कर्मचारी भी लिप्त हैं.
एक शिकायत की जांच करने इकबालपुर लेन पहुंचे श्री अहमद यह देख कर चौंक उठे कि वक्फ की खाली जमीन पर पांच मंजिली इमारत तैयार हो चुकी है. हालांकि शिकायत मिलने पर मार्च में ही उन्होंने राज्य वक्फ बोर्ड को इसकी जांच कर कार्रवाई करने के लिए कहा था. पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी आैर आज वहां अवैध रूप से इमारत बन चुकी है. श्री अहमद ने कहा कि यह तो मात्र एक उदाहरण है. ऐसे हजारों मामले हैं.
पश्चिम बंगाल में वक्फ की 5855 संपत्तियां रजिस्टर्ड
केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के अधीन सेंट्रल वक्फ कौंसिल के सदस्य के अनुसार पश्चिम बंगाल में वक्फ की 5855 संपत्तियां रजिस्टर्ड हैं. बोर्ड में ऐसे-ऐसे सदस्य हैं, जो वर्षों से यहां झंडा गाड़े हुए हैं. इनमें से एक तो 22 वर्षों से सदस्य है. श्री अहमद ने कहा कि हमारा काम तो केवल नजर रखना है, वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा करने का काम तो वक्फ बोर्ड का है. कितनी बड़ी विडंबना है कि अल्लाह के नाम पर दी गयी जमीन को लोग दोनों हाथों से लूट रहे हैं. बोर्ड संपत्ति की रक्षा के लिए प्रशासन की मदद क्यों नहीं लेता है. चेयरमैन से लेकर बोर्ड के कई सदस्य तक शासक दल के सांसद व विधायक हैं. श्री अहमद ने कहा कि वक्फ बोर्ड के दफ्तर का भी बुरा हाल है. यहां फाइल रखने की भी सही से जगह नहीं है. हम लोग चाहते हैं कि दस्तावेजों का डिजिटल किया जाये. इससे संपत्तियों के रिकॉर्ड हमेशा के लिए सुरक्षित रहेंगे, पर यह लोग जानबूझ कर ऐसा नहीं करते हैं. हालांकि केंद्र सरकार इसके लिए पैसे भी दे रही है.
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